रूस से भारत का तेल आयात: 3 साल में 112.5 अरब यूरो की खरीद
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने कुल 112.5 अरब यूरो मूल्य का कच्चा तेल रूस से खरीदा है। यह जानकारी यूरोपीय रिसर्च संस्थान ‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ (CREA) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दी है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
- रूस का कुल जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) निर्यात राजस्व (24 फरवरी 2022 – 2 मार्च 2025): 835 अरब यूरो
- रूस से भारत का कुल जीवाश्म ईंधन आयात: 205.84 अरब यूरो
- कच्चा तेल: 112.5 अरब यूरो
- कोयला: 13.25 अरब यूरो
- रूस से जीवाश्म ईंधन खरीदने में चीन पहले स्थान पर: 235 अरब यूरो
भारत की तेल आयात निर्भरता:
- भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता है।
- भारत अपनी कुल कच्चे तेल की जरूरत का 85% आयात करता है।
- वित्त वर्ष 2022-23 में 232.7 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 2023-24 में 234.3 अरब डॉलर का तेल आयात।
- चालू वित्त वर्ष (2024-25) के पहले 10 महीनों में 195.2 अरब डॉलर का कच्चा तेल आयात।
रूस से सस्ते तेल की खरीद क्यों बढ़ी?
- यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण रूस को तेल सस्ते दामों पर बेचना पड़ा।
- यूरोपीय देशों की मांग घटने से भारत और चीन को रूसी तेल भारी छूट पर मिला।
- भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा और लागत बचत के तहत रूस से तेल खरीद बढ़ाई।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने अपनी ऊर्जा नीति को आर्थिक लाभ के अनुसार अनुकूलित किया, जिससे उसे सस्ते दर पर तेल मिला। हालांकि, यह रणनीति भू-राजनीतिक समीकरणों और वैश्विक तेल बाजार के उतार-चढ़ाव से भी प्रभावित होती रहेगी।