भारत ने एक बार फिर मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹420 करोड़ रुपये) की आर्थिक सहायता प्रदान की है। मालदीव में स्थित भारतीय उच्चायोग ने रविवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह सहायता ट्रेजरी बिल के रूप में एक वर्ष के लिए रोलओवर की गई है। यह सहायता मालदीव सरकार के अनुरोध पर दी गई है और इसका उद्देश्य द्वीपीय राष्ट्र की आर्थिक स्थिरता और बजट समर्थन सुनिश्चित करना है।
मालदीव के विदेश मंत्री ने भारत का जताया आभार
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने इस कदम के लिए भारत सरकार और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा:
“मैं 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिल रोलओवर के माध्यम से मालदीव को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार का हार्दिक धन्यवाद करता हूं। यह समय पर की गई सहायता हमारे द्विपक्षीय मित्रता के गहरे रिश्ते को दर्शाती है और आर्थिक लचीलापन बढ़ाने में मदद करेगी।”
I express my sincere gratitude to EAM @DrSJaishankar and the Government of #India for extending crucial financial support to the #Maldives through the rollover of the USD 50 million Treasury Bill.
This timely assistance reflects the close bonds of friendship between #Maldives &…
— Abdulla Khaleel (@abkhaleel) May 12, 2025
भारत-मालदीव साझेदारी का बढ़ता दायरा
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने नवंबर 2023 में पदभार संभालने के बाद अक्टूबर में भारत की पांच दिवसीय यात्रा की थी। उस दौरान दोनों देशों ने एक ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन’ को अपनाया था, जो द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में मार्गदर्शक बनेगा।
भारत और मालदीव के बीच सहयोग बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन और सुरक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में फैला हुआ है।
भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का एक और उदाहरण
भारत की यह सहायता उसके ‘Neighborhood First’ नीति के अनुरूप है, जिसके अंतर्गत वह दक्षिण एशिया के छोटे पड़ोसी देशों को आर्थिक और रणनीतिक रूप से समर्थन देता आया है।
पृष्ठभूमि में तनाव, फिर भी सहयोग जारी
गौरतलब है कि मुइज्जू सरकार की कुछ शुरुआती टिप्पणियों और चीन के साथ बढ़ते रिश्तों ने भारत-मालदीव संबंधों में अस्थिरता की आशंका पैदा की थी। लेकिन हाल की आर्थिक मदद से संकेत मिलता है कि दोनों देश सहयोग और संवाद की राह पर लौट रहे हैं।