‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गंभीरता, रणनीतिक तैयारी, और इसके पीछे छिपी भावनात्मक एवं नैतिक प्रेरणा को प्रभावशाली ढंग से सामने लाता है। नीचे मैं इस समग्र अभियान की एक सुसंगठित विश्लेषणात्मक रिपोर्ट (संक्षिप्त लेकिन बिंदुवार) दे रहा हूँ, जिसे आप समाचार, लेख या भाषण के आधार के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं:
ऑपरेशन सिंदूर: न्याय, प्रतिशोध और राष्ट्र की चेतावनी
हमले की पृष्ठभूमि:
- तारीख: 22 अप्रैल
- स्थान: बैसरन घाटी, पहलगाम (जम्मू-कश्मीर)
- घटना: TRF (The Resistance Front, लश्कर-ए-तैयबा का संगठन) के आतंकियों द्वारा 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या – 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक।
- हमले की प्रकृति: धर्म पूछकर पुरुषों को महिलाओं के सामने गोली मारना – साफ तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाना और सांप्रदायिक उकसावे की साजिश।
- मकसद: कश्मीर के पर्यटन, विकास और सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना; देश में दंगे भड़काना।
#WATCH | Foreign Secretary Vikram Misri, Col. Sofiya Qureshi and Wing Commander Vyomika Singh to address the media on #OperationSindoor pic.twitter.com/5aTqmaBTMS
— ANI (@ANI) May 7, 2025
ऑपरेशन सिंदूर: सटीक और संयुक्त जवाब
- तिथि और समय: मंगलवार-बुधवार देर रात, 1:05 AM से 1:30 AM के बीच।
- संघर्ष की प्रकृति: संयुक्त सैन्य ऑपरेशन — सेना, वायुसेना और नौसेना की सहभागिता।
- नामकरण: “ऑपरेशन सिंदूर” — प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सुझाया गया, पीड़ित महिलाओं की सूनी मांगों का जवाब।
- कार्रवाई के स्थान: पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के 9 आतंकी ठिकाने — बहावलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद सहित।
- अस्रों का प्रयोग: मिसाइल और सटीक निर्देशित हथियारों से हमले।
परिणाम:
- अब तक की रिपोर्ट के अनुसार 70 से अधिक लश्कर आतंकियों और हैंडलर्स का खात्मा।
- आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप, लॉजिस्टिक बेस, लॉन्चपैड और संचार केंद्र नष्ट।
- सीमा पार आतंक के ढांचे को गंभीर रणनीतिक नुकसान।
प्रेस ब्रीफिंग के मुख्य बिंदु:
विदेश सचिव विक्रम मिसरी:
- पाकिस्तान की संलिप्तता स्पष्ट।
- TRF के जरिए पाकिस्तान भारत को अस्थिर करने की साजिश कर रहा था।
- हमला केवल जान लेने के लिए नहीं था, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक चोट पहुंचाने के लिए था।
कर्नल सोफिया कुरैशी (भारतीय सेना):
- यह ऑपरेशन केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, न्याय और संकल्प का परिचायक है।
- पाकिस्तान में दशकों से सक्रिय आतंकी ढांचे को खत्म करना आवश्यक था।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह (भारतीय वायुसेना):
- सटीक और शून्य कोलैटरल डैमेज के सिद्धांत पर कार्रवाई की गई।
- लक्ष्य स्पष्ट थे — केवल आतंकी ढांचे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- संयुक्त राष्ट्र ने भी हमले की निंदा की और आतंकियों को न्याय के कटघरे में लाने पर बल दिया।
- भारत ने इस कार्रवाई से दुनिया को स्पष्ट कर दिया है कि “सहिष्णुता हमारी नीति है, लेकिन कायरता नहीं।”
"Together we stand": Sehwag, Raina, Aakash hail Indian Army for 'Operation Sindoor'
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— ANI Digital (@ani_digital) May 7, 2025
निष्कर्ष: सिंदूर का सम्मान और आतंक का अंत
ऑपरेशन सिंदूर न केवल सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि यह भारत की उस सांस्कृतिक आत्मा का उत्तर था जिसे आतंकियों ने ललकारा था। यह उन सभी शहीद परिवारों की चूड़ियों और सिंदूर का बदला है जिनसे आतंक ने सब कुछ छीनने की कोशिश की थी।