ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अब भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की सरकार को बेनकाब करेगी। ऐसे में अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसदों को विदेश भेजने की सरकार तैयारी कर रही है। सांसदों का डेलीगेशन अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई जाएगा। इस दौरान डेलीगेशन ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी और आतंकवाद पर दुनियाभर में चर्चा करेंगे। जानकारी के मुताबिक भारत के डेलीगेशन में 40 सांसद हो सकते हैं। 23 मई से 10 दिनों के दौरे पर भारत का डेलीगेशन कई देशों की यात्रा करेगा। दरअसल भारत सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर बड़े स्ट्राइक की तैयारी कर रही है।
40 सांसदों का अंतरराष्ट्रीय डेलीगेशन
डेलीगेशन की संरचना:
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कुल सांसद: 40
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विभाजन: 7 समूहों में
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कार्यकाल: 23 मई से 10 दिन का अंतरराष्ट्रीय दौरा
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समन्वयकर्ता: संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू
In moments that matter most, Bharat stands united.
Seven All-Party Delegations will soon visit key partner nations, carrying our shared message of zero-tolerance to terrorism.
A powerful reflection of national unity above politics, beyond differences.@rsprasad @ShashiTharoor… pic.twitter.com/FerHHACaVK
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 17, 2025
जिन देशों की यात्रा होगी:
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अमेरिका 🇺🇸
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ब्रिटेन 🇬🇧
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संयुक्त अरब अमीरात 🇦🇪
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जापान 🇯🇵
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दक्षिण अफ्रीका 🇿🇦
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अन्य रणनीतिक देश
संभावित सांसद और डेलीगेशन लीडर्स
🔸 डेलीगेशन में शामिल कुछ प्रमुख नाम:
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शशि थरूर (कांग्रेस)
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मनीष तिवारी (कांग्रेस)
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प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना)
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सस्मित पात्रा (बीजेडी)
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संजय झा (जेडीयू)
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सलमान खुर्शीद (कांग्रेस)
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अपराजिता सारंगी (बीजेपी)
🔹 प्रमुख नेतृत्वकर्ता:
समूह प्रमुख | दल |
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शशि थरूर | कांग्रेस |
रविशंकर प्रसाद | भाजपा |
संजय कुमार झा | जेडीयू |
बैजयंत पांडा | भाजपा |
कनीमोझी करुणानिधि | डीएमके |
सुप्रिया सुले | एनसीपी |
एकनाथ शिंदे | शिवसेना |
ऑपरेशन सिंदूर: संक्षिप्त जानकारी
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भारत ने हाल में 9 आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल हमला किया।
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लगभग 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
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पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई में भारत ने मिसाइल और ड्रोन्स को हवा में मार गिराया।
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इस अभियान के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर प्रस्ताव रखा, जिसे भारत ने फिलहाल स्वीकार किया।
रणनीतिक महत्व:
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यह डेलीगेशन भारत की “कूटनीति + रक्षा” रणनीति का हिस्सा है।
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भारत न केवल सैन्य स्तर पर जवाब दे रहा है, बल्कि वैश्विक राय निर्माण की दिशा में भी सक्रिय है।
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ऑल पार्टी प्रतिनिधित्व से भारत एक राष्ट्रीय एकता का संदेश देना चाहता है।