Operation Sindoor: कराची पोर्ट पर हमला क्यों रुका — अब तक का सबसे बड़ा खुलासा
भारत के हालिया “ऑपरेशन सिंदूर” ने पाकिस्तान को न केवल सैन्य बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी बुरी तरह झकझोर दिया। यह मिशन भारत के पहलगाम नरसंहार (26 निर्दोष नागरिकों की हत्या) के प्रतिशोध में चलाया गया था। हालांकि 10 मई की रात जब भारतीय नौसेना ने कराची नेवल पोर्ट को टारगेट कर लिया था, आखिरी समय में हमला रोक दिया गया। अब इस पूरे ऑपरेशन को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं, वे भारत की सैन्य रणनीति, संयम और कूटनीतिक बढ़त को दर्शाते हैं।
10 मई: कराची पर हमला तय लेकिन रोक दिया गया
- 260 मील दूर से टारगेट लॉक हो चुका था।
- भारतीय नौसेना के युद्धपोत, मिसाइल-फ्रिगेट्स और सबमरीन कराची के दक्षिण में तैनात थे।
- भारतीय वायुसेना पहले ही पाकिस्तान के चार एयरबेस, एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर चुकी थी।
- कराची पर ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल से हमला तय था।
हमले को क्यों रोका गया?
- पाकिस्तान ने दी परमाणु हमले की अप्रत्यक्ष धमकी:
- डीजीएमओ स्तर पर पाकिस्तान ने संकेत दिया कि अगर भारत ब्रह्मोस से हमला करता है, तो वह जवाबी हमले में परमाणु विकल्प तक जा सकता है।
- अमेरिका की मध्यस्थता:
- जैसे ही पाकिस्तान की सैन्य हालत खराब हुई, उसने अमेरिका से तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई।
- अमेरिका ने बैकचैनल डिप्लोमैसी के जरिये भारत से बात की, जिससे हमले को कुछ समय के लिए रोका गया।
- भारत का रणनीतिक संदेश पहले ही पहुँच चुका था:
- 9 आतंकी शिविर ध्वस्त करने के बाद और पाकिस्तानी एयरबेस को नुकसान पहुंचाने के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह अब सिर्फ बातें नहीं करेगा।
पाकिस्तान का ऑपरेशन ‘बुनियान अल-मरसूश’ फेल
- पाकिस्तान ने भी 10 मई की रात भारत के एयरबेस पर हमला करने की कोशिश की।
- सुबह 9:30 बजे तक भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई के चलते पाक सेना को ऑपरेशन रोकना पड़ा।
- रेडियो इंटरसेप्ट से पता चला कि पाक सेना में हड़कंप मचा हुआ था।
भारत का संदेश स्पष्ट:
भले ही कराची पर अंतिम हमला टाल दिया गया, लेकिन भारत ने यह दुनिया को दिखा दिया:
- अगर पाकिस्तान फिर से किसी नरसंहार की कोशिश करता है,
- तो कराची जैसे महत्वपूर्ण सैन्य और आर्थिक केंद्र को मिनटों में नष्ट किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
“ऑपरेशन सिंदूर” भारत की नई रणनीतिक सोच को दर्शाता है:
- सैन्य ताकत का प्रदर्शन करना,
- समय पर संयम रखना,
- और कूटनीतिक बढ़त हासिल करना।
इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को मजबूर कर दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झुकाव की मुद्रा में आए। साथ ही भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई भी आतंकी हमला बिना जवाब नहीं छोड़ा जाएगा।