भारतीय वायुसेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने जा रहे हैं, क्योंकि वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनने वाले हैं। उन्हें एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) के लिए पायलट के रूप में चुना गया है। यह एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है, जिसे स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए 2025 के वसंत से पहले लॉन्च किया जाएगा।
Ax-4 मिशन की प्रमुख बातें:
- कमांडर: नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन
- पायलट: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
- मिशन विशेषज्ञ: पोलैंड से स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी से टिबोर कापू
- मिशन की अवधि: 14 दिन
- उद्देश्य:
- सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में वैज्ञानिक प्रयोग
- आउटरीच कार्यक्रम और सांस्कृतिक गतिविधियां
- अंतरिक्ष में योग मुद्राएं करके भारत की विरासत को प्रदर्शित करना
- अंतरिक्ष यात्रा के अनुभव को भारतीय जनता के साथ साझा करना
Ax-4 का महत्व:
- पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री जो ISS पर जाएगा (हालांकि राकेश शर्मा पहले भारतीय थे, लेकिन वे ISS से पहले मीर स्पेस स्टेशन पर गए थे)।
- भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए यह मिशन ऐतिहासिक होगा क्योंकि तीनों देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को पहली बार ISS पर जाने का अवसर मिलेगा।
- नासा और एक्सिओम स्पेस का सहयोग, जिससे ISS पर निजी अंतरिक्ष मिशनों की राह मजबूत होगी।
Wing Commander Shubhanshu Shukla selected to pilot NASA's private Axiom Mission 4 to ISS
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— ANI Digital (@ani_digital) January 31, 2025
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का परिचय
- जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
- IAF में कमीशन: जून 2006 (फाइटर पायलट)
- रैंक: ग्रुप कैप्टन (मार्च 2024)
- उड़ान अनुभव:
- 2,000+ घंटे उड़ान का अनुभव
- Su-30 MKI, MIG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे विमानों पर उड़ान
- अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण:
- 2019 में रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण
- गगनयान मिशन के लिए इसरो द्वारा चुने गए अंतरिक्ष यात्री
गगनयान और ISS यात्रा में अंतर:
- गगनयान मिशन: इसरो का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, जो पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है और कम पृथ्वी कक्षा में 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा।
- Ax-4 मिशन: यह एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, जिसमें अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के तहत ISS पर जाएंगे।
भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में नया युग
- शुभांशु शुक्ला की ISS यात्रा भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगी, जो भविष्य में निजी अंतरिक्ष मिशनों और व्यावसायिक अंतरिक्ष उड़ानों को प्रोत्साहित करेगा।
- यह मिशन गगनयान, ISRO-NASA सहयोग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा।