कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने पाकिस्तान समर्थक रुख अपनाने वाले देशों तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ एक सख़्त व्यापारिक मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है।
राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन – नई दिल्लीकैट की स्पष्ट घोषणा:भारत-तुर्की व्यापार स्थिति (अप्रैल 2024 – फरवरी 2025):➤ प्रमुख निर्यात वस्तुएं (तुर्की को):➤ प्रमुख आयात वस्तुएं (तुर्की से):भारत-अज़रबैजान व्यापार स्थिति:प्रमुख निर्यात (अज़रबैजान को):प्रमुख आयात (अज़रबैजान से):CAIT की आगे की रणनीति:विश्लेषण:
राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन – नई दिल्ली
तारीख: कल
आयोजक: कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT)
उद्देश्य:
- तुर्की और अज़रबैजान के साथ सभी व्यापारिक संबंधों को समाप्त करने पर निर्णय।
- ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी के खिलाफ रणनीति।
- भारत की सेना को समर्थन व सम्मान हेतु तिरंगा यात्रा का आयोजन।
कैट की स्पष्ट घोषणा:
“जो देश भारत विरोधी हैं, उनके साथ व्यापार नहीं होगा।
अब देशभक्ति दिखाने का समय है।”
— प्रवीण खंडेलवाल, राष्ट्रीय महामंत्री, कैट
(सांसद, चांदनी चौक)
भारत-तुर्की व्यापार स्थिति (अप्रैल 2024 – फरवरी 2025):
लेन-देन | मूल्य (US$ अरब) | 2023-24 में तुलना |
---|---|---|
भारत का निर्यात तुर्की को | $5.2 B | $6.65 B ↓ |
भारत का आयात तुर्की से | $2.84 B | $3.78 B ↓ |
➤ प्रमुख निर्यात वस्तुएं (तुर्की को):
- रिफाइंड पेट्रोलियम
- मोटर व्हीकल्स और पार्ट्स
- स्टील, दवाएं, कैमिकल्स
- वस्त्र, कीमती पत्थर
➤ प्रमुख आयात वस्तुएं (तुर्की से):
- कच्चा पेट्रोलियम
- मशीनरी, मार्बल, फल
- गोल्ड, प्लास्टिक, वस्त्र
भारत-अज़रबैजान व्यापार स्थिति:
लेन-देन | मूल्य (US$ मिलियन) | 2023-24 में तुलना |
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भारत का निर्यात | $86.07 M | $89.67 M ↓ |
भारत का आयात | $1.93 M | $0.74 M ↑ |
प्रमुख निर्यात (अज़रबैजान को):
- तंबाकू
- इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी
- दवाएं, अनाज, सिरेमिक उत्पाद
प्रमुख आयात (अज़रबैजान से):
- खनिज तेल
- केमिकल्स
- कच्ची खालें, एल्यूमिनियम, कॉटन
CAIT की आगे की रणनीति:
- इन देशों से वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों की पहचान।
- व्यापारियों को एकजुट कर स्वदेशी विकल्पों की ओर मोड़ना।
- ई-कॉमर्स में विदेशी वर्चस्व के खिलाफ नीति प्रस्ताव।
- सेना के समर्थन में सांस्कृतिक एवं जनजागरूकता अभियान जैसे तिरंगा यात्रा का आयोजन।
विश्लेषण:
- यह कदम भारत के आर्थिक राष्ट्रवाद को दर्शाता है।
- CAIT का राजनीतिक और आर्थिक समर्थन स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के साथ है।
- तुर्की और अज़रबैजान पर व्यावसायिक दबाव एक सामरिक संदेश है कि भारत विरोधी रुख की कीमत चुकानी पड़ेगी।