पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मेमोरियल दिल्ली में बनेगा। राष्ट्रीय समिति कॉम्प्लेक्स में प्रणब मुखर्जी का मेमोरियल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने जगह को मंजूरी दे दी है। प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इसके लिए आभार जताया है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि हम लोगों ने इसकी कोई मांग भी नहीं की थी।
शर्मिष्ठा मुखर्जी की यह टिप्पणी कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक चर्चाओं का नया केंद्र बन गई है। उन्होंने कांग्रेस पर यह आरोप लगाकर सीधे सवाल उठाया कि उनके पिता, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, जिन्होंने जीवनभर कांग्रेस की सेवा की, उनके लिए पार्टी ने कोई स्मारक बनाने का प्रयास नहीं किया। इसके उलट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने प्रणब मुखर्जी के लिए स्मारक बनाने का निर्णय लिया, जिसे उन्होंने “दयालुता” और “सम्मान” का प्रतीक बताया।
मुख्य बिंदु:
- मनमोहन सिंह का संदर्भ:
- शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और उनके सम्मान में पार्टी की भूमिका पर सवाल उठाए।
- उन्होंने इशारों में कांग्रेस पर यह आरोप लगाया कि वह अपने नेताओं को उचित सम्मान देने में विफल रही है।
- प्रणब मुखर्जी का स्मारक:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने प्रणब मुखर्जी के लिए स्मारक बनाने का निर्णय लिया।
- शर्मिष्ठा ने इसे बिना किसी आग्रह के लिया गया “दयालुता भरा कदम” बताया।
- प्रधानमंत्री से मुलाकात:
- शर्मिष्ठा ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद इस फैसले के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
- उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर इसे साझा करते हुए कहा कि इस फैसले से वह बहुत प्रभावित हुईं।
Called on Hon’ble PM @narendramodi ji to express thanks & gratitude from core of my heart 4 his govts’ decision 2 create a memorial 4 baba. It’s more cherished considering that we didn’t ask for it. Immensely touched by this unexpected but truly gracious gesture by PM🙏 1/2 pic.twitter.com/IRHON7r5Tk
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) January 7, 2025
राजनीतिक संदर्भ और प्रभाव:
- कांग्रेस पर सवाल:
- यह टिप्पणी कांग्रेस की नेतृत्व और उसके वरिष्ठ नेताओं के प्रति रवैये को लेकर नए सवाल उठाती है।
- कांग्रेस के लिए यह एक असहज स्थिति पैदा कर सकती है, खासकर जब यह आरोप एक ऐसे व्यक्ति के परिवार से आया है जिसने पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका:
- प्रणब मुखर्जी के लिए स्मारक बनाने का फैसला बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी को पूर्व कांग्रेस नेताओं और उनके परिवारों के प्रति संवेदनशील दिखाने का अवसर प्रदान करता है।
- यह बीजेपी की “सभी का सम्मान” और “अराजनीतिक भाव” वाली छवि को मजबूत कर सकता है।
- कांग्रेस के लिए चुनौती:
- यह घटना कांग्रेस के अंदर नेताओं और उनके परिवारों के सम्मान को लेकर आंतरिक असंतोष को उजागर करती है।
- पार्टी को इस आलोचना का सामना करना पड़ सकता है और उसे इस पर सफाई देनी पड़ सकती है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी की इस टिप्पणी ने न केवल राजनीतिक माहौल को गर्म किया है बल्कि कांग्रेस के प्रति एक बड़े सवाल को भी खड़ा किया है। प्रणब मुखर्जी जैसे वरिष्ठ नेता, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस को समर्पित कर दी, उनके योगदान का सम्मान न करना पार्टी की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्मारक के निर्माण का निर्णय बीजेपी के लिए सकारात्मक प्रचार का माध्यम बन गया है।
‘खुशी शब्दों में बयां नहीं कर सकती’
उन्होंने आगे लिखा है, ”बाबा कहते थे कि राजकीय सम्मान के लिए कभी कहना नहीं चाहिए बल्कि उसे खुद से मिलना चाहिए। मैं बहुत आभारी हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा की याद में ऐसा किया। इससे बाबा पर कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अब कहां हैं, प्रशंसा या आलोचना से परे हैं। लेकिन उनकी बेटी यानी मेरे लिए यह इतना बड़ा काम है, जिसकी खुशी मैं अपने शब्दों में बयां नहीं कर सकती।”