गणतंत्र दिवस 2025 के लिए तैयारियां ज़ोरों पर हैं, और इस बार कर्तव्य पथ पर परेड में भारत की रक्षा क्षमता की झलक खासतौर पर देखने को मिलेगी। इस साल परेड में टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का प्रदर्शन होगा। दोनों ही मिसाइलें स्वदेशी तकनीक से विकसित की गई हैं और भारतीय सेना की ताकत को नई ऊंचाई पर ले जाती हैं।
टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय
- विकास और परीक्षण:
- प्रलय मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने विकसित किया है।
- इसका पहला सफल परीक्षण दिसंबर 2021 में किया गया था, जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव अपने चरम पर था।
- 2023 में किए गए तीसरे परीक्षण में भी यह मिसाइल हर पहलू में सफल साबित हुई।
- खासियतें:
- मारक क्षमता: 150 से 500 किमी तक सतह से सतह पर हमला करने में सक्षम।
- पेलोड क्षमता: 500 से 1,000 किलोग्राम तक के विस्फोटक ले जाने में सक्षम।
- परमाणु हथियार: यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु हथियारों को ले जा सकती है।
- हवा में दिशा बदलने की क्षमता: लॉन्च के बाद इसकी दिशा बदली जा सकती है, जिससे यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है।
- वजन और रफ्तार: इसका वजन लगभग 5 टन है, और इसकी रफ्तार 1 से 1.6 मैक के बीच है।
- रणनीतिक महत्व:
- प्रलय मिसाइल का प्रदर्शन पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में होगा।
- यह भारत की शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता में एक बड़ा कदम है और क्षेत्रीय दुश्मनों के खिलाफ एक प्रभावशाली शक्ति है।
एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल नाग
- विकास और सेना में शामिल होना:
- नाग मिसाइल को भी DRDO ने विकसित किया है और यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत की प्रगति का उदाहरण है।
- यह मिसाइल जल्द ही भारतीय सेना में शामिल की जाएगी।
- खासियतें:
- यह एंटी-टैंक मिसाइल दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को निशाना बनाने में सक्षम है।
- इसकी सटीकता और मारक क्षमता इसे आधुनिक युद्ध के लिए बेहद प्रभावी बनाती है।
- नाग मिसाइल को पहले भी कई मंचों पर शोकेस किया जा चुका है।
गणतंत्र दिवस परेड में इन मिसाइलों का महत्व
- प्रलय और नाग मिसाइल का प्रदर्शन भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता और तकनीकी कौशल को दर्शाएगा।
- यह भारतीय सेना की उन्नत मारक क्षमता को दिखाने का अवसर होगा।
- इन हथियारों का प्रदर्शन भारत की रक्षा रणनीति में आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम को उजागर करेगा।
गणतंत्र दिवस पर यह प्रदर्शन भारत के नागरिकों और पूरी दुनिया को यह संदेश देगा कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा में सक्षम है, बल्कि अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है।