सनन्दन उपाध्याय/बलिया- अपनों के लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन जब कोई दूसरों की सेवा को अपना उद्देश्य बना ले, तो वह समाज में प्रेरणा का स्रोत बन जाता है. बलिया जिले की कुछ ऐसी ही महिलाएं हैं, जिन्होंने इनर व्हील क्लब से जुड़कर न सिर्फ संगठन को मजबूत किया, बल्कि अपने कार्यों से समाज को एक नई दिशा भी दी है. ये महिलाएं समाज के हर वर्ग, विशेषकर गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद में हमेशा आगे रहती हैं.
सेवा भावना से प्रेरित महिलाएं
इनर व्हील क्लब बलिया की महिलाएं किसी तनख्वाह या लाभ के लिए काम नहीं करतीं. ये आपस में मिल-जुलकर पैसे एकत्र करती हैं और उसी से समाजसेवा के काम करती हैं. क्लब की अध्यक्ष सारिका सिंह बताती हैं कि संगठन में जुड़ी महिलाएं जरूरतमंद पुरुषों की भी मदद करती हैं. गरीबों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी समस्याओं पर ये महिलाएं लगातार काम कर रही हैं, जिसकी वजह से लोगों की उम्मीदें भी बढ़ती जा रही हैं.
इनर व्हील क्लब बलिया की महिलाएं किसी तनख्वाह या लाभ के लिए काम नहीं करतीं. ये आपस में मिल-जुलकर पैसे एकत्र करती हैं और उसी से समाजसेवा के काम करती हैं. क्लब की अध्यक्ष सारिका सिंह बताती हैं कि संगठन में जुड़ी महिलाएं जरूरतमंद पुरुषों की भी मदद करती हैं. गरीबों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी समस्याओं पर ये महिलाएं लगातार काम कर रही हैं, जिसकी वजह से लोगों की उम्मीदें भी बढ़ती जा रही हैं.
डायमंड अवार्ड से नवाजा गया बलिया क्लब
इन महिला सदस्यों के सामाजिक योगदान को देखते हुए क्लब को हाल ही में वाराणसी में डायमंड क्लब अवार्ड से नवाजा गया. क्लब स्तर पर तैयार रिपोर्टों के आधार पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले समूहों को यह सम्मान दिया जाता है. बलिया की इन महिलाओं को पहले भी कई बार पुरस्कार और प्रशंसा मिल चुकी है.
इन महिला सदस्यों के सामाजिक योगदान को देखते हुए क्लब को हाल ही में वाराणसी में डायमंड क्लब अवार्ड से नवाजा गया. क्लब स्तर पर तैयार रिपोर्टों के आधार पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले समूहों को यह सम्मान दिया जाता है. बलिया की इन महिलाओं को पहले भी कई बार पुरस्कार और प्रशंसा मिल चुकी है.
आत्मनिर्भरता की दिशा में अनोखी पहल
बलिया जनपद के सहतवार कुसौरा गांव में क्लब की महिलाओं ने चार गरीब परिवारों को मत्स्य पालन की सुविधा उपलब्ध करवाई. न सिर्फ प्रशिक्षण, बल्कि आवश्यक संसाधन भी स्वयं महिलाओं ने जुटाए. आज ये परिवार आत्मनिर्भर होकर अपनी आजीविका चला रहे हैं.
बलिया जनपद के सहतवार कुसौरा गांव में क्लब की महिलाओं ने चार गरीब परिवारों को मत्स्य पालन की सुविधा उपलब्ध करवाई. न सिर्फ प्रशिक्षण, बल्कि आवश्यक संसाधन भी स्वयं महिलाओं ने जुटाए. आज ये परिवार आत्मनिर्भर होकर अपनी आजीविका चला रहे हैं.
समाज सेवा के कई मोर्चों पर सक्रिय
इनर व्हील क्लब से जुड़ी महिलाएं न केवल गरीबों को भोजन, इलाज, और शिक्षा में मदद करती हैं, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों, विकलांगों की सहायता, और गरीब बेटियों की शादी तक में आगे रहती हैं. क्लब की हर सदस्य सालाना ₹3500 देती है और मेलों के माध्यम से अतिरिक्त फंड एकत्र किया जाता है.
इनर व्हील क्लब से जुड़ी महिलाएं न केवल गरीबों को भोजन, इलाज, और शिक्षा में मदद करती हैं, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों, विकलांगों की सहायता, और गरीब बेटियों की शादी तक में आगे रहती हैं. क्लब की हर सदस्य सालाना ₹3500 देती है और मेलों के माध्यम से अतिरिक्त फंड एकत्र किया जाता है.