कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पाकिस्तान के खिलाफ तीखा रुख अपनाते हुए एक बड़ा बयान दिया है, जो भारत की मौजूदा कूटनीतिक रणनीति और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जनमत तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मनीष तिवारी का बयान: पाकिस्तान को बेनकाब करने का आह्वान
- मनीष तिवारी ने कहा कि पाकिस्तान पिछले 45 वर्षों से भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और आतंकी संगठनों को प्रशिक्षण देकर उन्हें भारत में भेजता रहा है।
- उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरा बन चुका है, और अगर उस पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए चुनौती बन जाएगा।
- तिवारी ने साफ कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत चुप न बैठे और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की साजिशों और आतंकवाद पोषक नीति को बेनकाब करे।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की भूमिका
- मनीष तिवारी, सुप्रिया सुले के नेतृत्व में रवाना हो रहे सात अलग-अलग सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में से एक का हिस्सा हैं।
- इन दलों का मकसद है, 33 देशों में जाकर पाकिस्तान की सच्चाई उजागर करना, जिनमें शामिल हैं:
- कतर
- दक्षिण अफ्रीका
- इथियोपिया
- मिस्र
- और अन्य अहम देश
#WATCH | Delhi: Congress MP Manish Tewari, who is part of the all-party delegation led by NCP (SCP) MP Supriya Sule, says, "For the last 45 years, Pakistan has been promoting terrorism against India. We all are going to different countries and exposing the conspiracy of Pakistan… pic.twitter.com/4HcslCjbEk
— ANI (@ANI) May 24, 2025
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की नई कूटनीति
- ऑपरेशन सिंदूर (संभावित आतंकवाद विरोधी कार्रवाई) के बाद भारत अब सिर्फ सीमित सैन्य प्रतिक्रिया तक नहीं, बल्कि वैश्विक समर्थन जुटाने की दिशा में रणनीतिक पहल कर रहा है।
- इस रणनीति के तहत भारत यह दिखाना चाहता है कि:
- पाकिस्तान की नीतियां केवल भारत ही नहीं, पूरी वैश्विक शांति के लिए खतरा हैं।
- आतंक के खिलाफ वैश्विक मोर्चाबंदी जरूरी है।
विश्लेषण: क्या है इसका महत्व?
- गैर-भाजपा नेताओं की भागीदारी से यह स्पष्ट है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की राजनीतिक पार्टियां एकजुट हैं।
- पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की यह संगठित कोशिश है।
- इससे भारत को अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे UN, FATF, OIC आदि के मंचों पर ज्यादा नैतिक और राजनीतिक समर्थन मिल सकता है।
- भारत ‘नरेंद्र मोदी बनाम पाकिस्तान’ की छवि से बाहर निकलकर ‘भारत बनाम आतंकवाद’ की मजबूत छवि पेश कर रहा है।
निष्कर्ष
मनीष तिवारी का बयान केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि भारत की एक सुनियोजित कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है। यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद को वैश्विक मंचों पर मुद्दा बनाने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के भारत के प्रयासों को सशक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने प्रस्तुत करेगा।