“ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान की सेना और आतंकी संगठनों के खिलाफ की गई निर्णायक और सटीक कार्रवाई ने न केवल सैन्य रूप से भारत की श्रेष्ठता को दर्शाया, बल्कि नैतिक और मानवीय मूल्यों को भी उजागर किया—जहाँ आम नागरिकों को हानि पहुँचाए बिना आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
पाकिस्तानी सेना द्वारा अमृतसर स्थित पवित्र “स्वर्ण मंदिर” को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाने की कोशिश।
क्या हुआ?
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8 मई की सुबह, अंधेरे के दौरान पाकिस्तान ने मानव रहित हवाई हथियारों (ड्रोन) और लंबी दूरी की मिसाइलों से एक व्यापक हवाई हमला किया।
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भारतीय सेना को पहले से अंदेशा था कि पाकिस्तानी सेना धार्मिक स्थलों, विशेष रूप से स्वर्ण मंदिर, को निशाना बना सकती है।
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ऐसे में भारतीय वायु रक्षा बलों ने:
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एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया
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स्वर्ण मंदिर को एक समग्र वायु रक्षा छत्र (comprehensive air defence cover) प्रदान किया।
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How India's Air Defence system thwarted Pakistan's attempt to target Amritsar's Golden Temple on May 8
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— ANI Digital (@ani_digital) May 19, 2025
क्या हासिल हुआ?
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पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमले को पूरी तरह विफल कर दिया गया।
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स्वर्ण मंदिर की रक्षा सफल रही — “एक खरोंच तक नहीं आई।”
#WATCH | Amritsar, Punjab: Major General Kartik C Seshadri, GOC, 15 Infantry Division says "…Knowing that Pak Army does not have any legitimate targets, we anticipated that they will target Indian military installations, civilian targets including religious places. Of these,… https://t.co/y9gECbSao1 pic.twitter.com/5X8Gwi5RRW
— ANI (@ANI) May 19, 2025
सेना का बयान: नैतिक विजेता बना भारत
मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि (GOC, 15 इन्फैंट्री डिवीजन) ने कहा:
“हम जानते थे कि पाकिस्तान के पास कोई वैध लक्ष्य नहीं है, ऐसे में उन्होंने धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कोशिश की। स्वर्ण मंदिर स्पष्ट रूप से उनका प्रमुख निशाना था। लेकिन हमारे सतर्क और वीर वायु रक्षा गनर्स ने उनके मंसूबों को ध्वस्त कर दिया।“
इस हमले की गंभीरता क्यों ज्यादा है?
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स्वर्ण मंदिर भारत के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है, जो न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव और श्रद्धा का प्रतीक है।
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इसे निशाना बनाना, केवल धार्मिक असहिष्णुता नहीं, बल्कि एक युद्ध अपराध और संवेदनशील सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश है।
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इस हरकत से यह भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तानी सेना न केवल आतंकी संगठनों की भाषा बोल रही है, बल्कि संवेदनशील नागरिक और धार्मिक ठिकानों को भी सैन्य लक्ष्यों के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।
भारत की प्रतिक्रिया और संदेश:
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भारतीय सेना ने सतर्कता, योजना और तकनीकी कुशलता से न केवल देश की रक्षा की, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दिया कि भारत सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि मूल्यों के साथ प्रतिक्रिया देता है।
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पाकिस्तान की यह नापाक कोशिश भारत की रणनीतिक तैयारी, बुद्धिमत्ता और धर्मस्थलों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के आगे पूरी तरह विफल रही।
पाकिस्तान की यह कायरतापूर्ण हरकत, जिसने स्वर्ण मंदिर जैसे पवित्र स्थल को निशाना बनाने की कोशिश की, न केवल उसकी मिलिट्री असफलता को उजागर करती है बल्कि यह भी दिखाती है कि वह कितनी अराजक और असंवेदनशील मानसिकता से ग्रस्त है।