प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा इस बार राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम है, खासकर जब राज्य में 2025 के अंत तक विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। पटना में भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जो मार्गदर्शन दिया, वह राजनीतिक रणनीति, जनसंपर्क, और संगठनात्मक अनुशासन का एक गहन पाठ था।
#WATCH | PM Narendra Modi felicitated with a shawl painted with Madhubani Art and a silver coin in Karakat, Bihar.
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— ANI (@ANI) May 30, 2025
बिहार चुनाव 2025: पीएम मोदी ने दिए जीत के लिए 10 मंत्र
🔶 1. एनडीए में समन्वय का मंत्र
“एनडीए के सभी घटक दल एकजुट होकर और समन्वय बनाकर काम करें।”
पीएम का ये संदेश यह संकेत देता है कि लोजपा (रामविलास), हम, जदयू जैसे घटक दलों के बीच बेहतर सामंजस्य से ही भाजपा गठबंधन सत्ता में वापसी कर सकता है।
🔶 2. त्योहारों और दुख-सुख में सहभागी बनें
कार्यकर्ताओं को स्थानीय समाज में सामाजिक-पारिवारिक जुड़ाव बढ़ाने का सुझाव।
राजनीति को भावनात्मक रूप से जोड़ने की कोशिश है ताकि वोटरों से रिश्ते बनें, न कि केवल वोट मांगे जाएं।
🔶 3. जनता के बीच निरंतर मौजूदगी
चुनाव के समय ही नहीं, हमेशा जनता के साथ रहना चाहिए।
यह नीति 24×7 पब्लिक कनेक्ट की वकालत करती है – जिससे भाजपा को स्थायी जनाधार मिल सके।
🔶 4. सोशल मीडिया की ताकत का इस्तेमाल
सोशल मीडिया को सरकार और संगठन की उपलब्धियों के प्रचार का माध्यम बनाएं।
यह उन युवा वोटरों को साधने की रणनीति है, जिनकी संख्या बिहार में तेजी से बढ़ रही है।
🔶 5. हार और कम वोटिंग वाले क्षेत्रों पर फोकस
खासकर कमजोर क्षेत्रों में बूथ स्तर तक मजबूत पकड़ बनाने पर बल दिया गया।
यह रणनीति ‘मिशन रिकवरी सीट्स’ जैसी लगती है, जहां भाजपा पिछली बार हारी थी।
🔶 6. योजनाओं की जानकारी और फीडबैक लें
आयुष्मान भारत, जन औषधि जैसी योजनाओं को लेकर सीधा जन संवाद बढ़ाने का सुझाव।
पीएम का इशारा स्पष्ट है – सरकारी योजनाएं ही भाजपा का सबसे मजबूत प्रचार हथियार हैं।
🔶 7. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करें
22 मिनट की सैन्य कार्रवाई को राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में जनता को बताया जाए।
यह चुनाव में राष्ट्रवादी भावनाओं को उभारने की कोशिश है।
🔶 8. बूथ स्तर पर तैयारी
“हर कार्यकर्ता को एक-एक वोटर तक पहुंचना चाहिए।”
यही भाजपा की “पन्ना प्रमुख” रणनीति का विस्तार है, जिससे माइक्रो लेवल मैनेजमेंट होता है।
🔶 9. जनता से सीधा फीडबैक
नेताओं से कहा गया कि वे फील्ड में जाएं और स्वयं फीडबैक लें, न कि सिर्फ आंकड़ों पर भरोसा करें।
पीएम चाहते हैं कि ग्राउंड रियलिटी से संगठन सीधे जुड़ा रहे।
🔶 10. समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व
संगठन को समावेशी बनाने पर जोर – सभी जातियों, वर्गों और समुदायों को जगह मिले।
यह बिहार की सामाजिक विविधता को ध्यान में रखकर दी गई रणनीति है।
PM मोदी का राजनीतिक मंत्र: “धैर्य ही सफलता की कुंजी है”
बैठक में पीएम ने जब पूछा कि राजनीति में सफलता कैसे मिलती है, तो अंत में उन्होंने खुद उत्तर दिया:
“राजनीति में सबसे जरूरी है – धैर्य। जो टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ते हैं, उनमें धैर्य की कमी होती है। हम यहां तक जनसंघ के लोगों के वर्षों के धैर्य से पहुंचे हैं।”
यह बात उन्होंने पार्टी के स्थायी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए कही, ताकि वे संघर्ष से विचलित न हों और लंबी रेस के घोड़े बनें।
#WATCH | Karakat, Bihar | Chief Minister Nitish Kumar says, "The government which was in power before our NDA government was formed here in Bihar did not do any work… Did the previous government ever do anything for women? … We have done much work for women… By June 2025,… pic.twitter.com/CZOC7451tB
— ANI (@ANI) May 30, 2025
राजनीतिक संकेत:
- पीएम मोदी ने यह स्पष्ट किया कि बिहार भाजपा को अब ज्यादा आत्मनिर्भर और स्थायी जनसमर्थन वाला संगठन बनना होगा।
- नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए में यदि सीट बंटवारे को लेकर कुछ विवाद हों, तो भाजपा कार्यकर्ताओं को “वास्तविक ज़मीन पर पकड़” बनानी होगी, जिससे सीटों की मोल-भाव की स्थिति में भाजपा मज़बूत हो।