प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ अपने पहले पॉडकास्ट में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार साझा किए। इस साक्षात्कार में उन्होंने अपने अनुभवों, दृष्टिकोण, और नेतृत्व की शैली पर चर्चा की। यहां उनके मुख्य विचारों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है:
कार्यकालों के अनुभव
- पहला कार्यकाल: पीएम मोदी ने कहा कि पहले कार्यकाल में लोग उन्हें और वे दिल्ली की कार्यशैली को समझने की कोशिश कर रहे थे।
- दूसरा कार्यकाल: उन्होंने कहा कि वह अतीत के नजरिए से सोचते थे और पुरानी समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित करते थे।
- तीसरा कार्यकाल: अब उनकी सोच और दृष्टि बदल चुकी है। उनका ध्यान 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने और सभी समस्याओं का समाधान करने पर है। उन्होंने सरकारी योजनाओं की 100% डिलीवरी को असली सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता बताया।
‘एस्पिरेशनल इंडिया’ पर जोर
पीएम मोदी ने “एस्पिरेशनल इंडिया” (AI) को देश के विकास की प्रेरणा शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं और उनके सपनों को साकार करना उनकी प्राथमिकता है।
"मैं वही हूं, जो वर्षों पहले गांव छोड़कर गया था, मुझमें बदलाव नहीं आया…"
निखिल कामथ के साथ podcast में पीएम श्री नरेन्द्र मोदी ने बताया, गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद जब बचपन के दोस्तों को सीएम हाउस बुलाया तो क्या हुआ…
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— BJP (@BJP4India) January 10, 2025
रिस्क लेने का महत्व
- पीएम मोदी ने कहा कि वे setbacks (झटकों) से नहीं डरते और हमेशा रिस्क लेने के लिए तैयार रहते हैं।
- उन्होंने युवाओं से राजनीति में आने की अपील करते हुए कहा कि यह केवल लाभ पाने का माध्यम नहीं है, बल्कि राजनीति को प्रतिष्ठा देने वाले लोग इसमें शामिल हों।
गाली और आलोचना पर प्रतिक्रिया
पीएम मोदी ने आलोचनाओं पर एक सकारात्मक और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया। उन्होंने कहा:
“मैं अहमदाबाद का हूं। गाली दे रहा है तो क्या ले रहा है? मुझे फर्क नहीं पड़ता।”
सादगी और दोस्तों के साथ जुड़ाव
- पीएम मोदी ने बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने बचपन के दोस्तों को सीएम हाउस बुलाया।
- उन्होंने कहा कि वह वही इंसान हैं, जो गांव से निकलकर यहां तक पहुंचे हैं, और उनमें कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।
स्ट्रेस और एंग्जाइटी पर विचार
- पीएम मोदी ने साझा किया कि वह स्ट्रेस और एंग्जाइटी का सामना कैसे करते हैं। उन्होंने कहा कि आत्म-प्रबंधन और अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करना उनके लिए मददगार साबित हुआ।
व्यक्तिगत प्रेरणा
- पीएम मोदी ने कहा कि वह सामान्य परिवार से आते हैं। यदि वे एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक भी बन जाते, तो उनकी मां बहुत खुश होतीं।
- उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बनने पर वे हैरान थे और प्रधानमंत्री बनने की कभी कल्पना भी नहीं की थी।
संदेश
पीएम मोदी ने इस पॉडकास्ट के जरिए युवाओं को प्रेरित किया और अपनी यात्रा का एक मानवीय और प्रेरक दृष्टिकोण साझा किया। उनकी यह बातचीत युवाओं, नेताओं, और आम जनता को प्रेरित करने के साथ-साथ उनकी नेतृत्व शैली को बेहतर तरीके से समझने का अवसर देती है।