भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में अपनी सत्ता को बचाए रखने की जद्दोजहद कर रही है तो राजस्थान में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दोनों ही राज्यों में पार्टी के चुनावी अभियान को धार देने के लिए उतर रहे हैं. पीएम मोदी भोपाल में ‘जन आशिर्वाद यात्रा’ तो जयपुर में ‘जन आक्रोश यात्रा’ के समापन के दौरान महाकुंभ को संबोधित करेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे. इस दौरान पीएम मोदी बीजेपी के लिए सियासी समीकरण साधते हुए नजर आएंगे?
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के पक्ष में माहौल बनाने के लिए पांच ‘जन आशीर्वाद यात्राएं’ निकाली गई थी. बीजपी की ये ‘जन आशिर्वाद यात्रा’ चित्रकूट, श्योपुर, नीमच, मंडला और खंडवा से शुरू हुई थी, जिसका समापन भोपाल में किया जा रहा. इसी तरह राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चार परिवर्तन यात्राएं बीजेपी ने शरू की थी. यह सवाईमाधोपुर, बांसवाड़ा, जैसलमेर और हनुमानगढ़ी से निकली थी, जिसका समापन जयपुर में हो रहा है. इसी कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पीएम मोदी पहले भोपाल और उसके बाद जयपुर पहुंच रहे हैं.
बीजेपी ने अपना पूरा फोकस मध्य प्रदेश पर केंद्रित कर रखा है. पिछले डेढ़ महीने में पीएम मोदी तीसरी बार मध्य प्रदेश जा रहे हैं. पिछले ही सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी सागर के बीना में विकास की सौगात देकर चुनावी समीकरण साधने की कवायद की है तो अब भोपाल के जंबुरी मैदान में ‘जन आशिर्वाद यात्रा’ के समापन कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. इस तरह से एक सप्ताह में दूसरी बार पीएम मोदी का एमपी दौरा सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है.
बीजेपी की यह ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ 10,880 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए करीब 170 विधानसभा सीटों का कवर करने की कोशिश की गई है. बीजेपी की ओर से पांच ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ निकालने के पीछे सभी विधानसभा सीटों को कवर करना था, क्योंकि पहले जो जन आशीर्वाद यात्राएं निकलती थीं वो सभी विधानसभाओं तक नहीं पहुंच पाती थीं.
लोकसभा और विधानसभा में 33 फीसदी देने वाला महिला आरक्षण बिल संसद से पास हो गया है. बीजेपी आरक्षण के बहाने महिला वोटर्स को साधने में जुटी है तो पार्टी की नेता उमा भारती ओबीसी का कोटा फिक्स न किए जाने को लेकर सवाल उठा रही हैं. उमा भारती के बगावती तेवर के चलते बीजेपी की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में देखना है कि पीएम मोदी महिला आरक्षण पर क्या बोलते हैं?
जयपुर में बीजेपी के महाकुंभ में पीएम मोदी
भोपाल के बाद पीएम मोदी राजस्थान के जयपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे, लेकिन उससे पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देंगे और एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. राजस्थान में चारों दिशाओं से निकली बीजेपी की जन आक्रोश यात्राओं के समापन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. चारों दिशाओं से होते हुए यात्राएं जयपुर पहुंची हैं और करीब 9 हजार किलोमीटर का सफर तय की हैं. इस तरह हर विधानसभा से होकर निकली हैं और उसके समापन कार्यक्रम को पीएम मोदी संबोधित करेंगे. ऐसे में हेलीपैड से कार्यक्रम स्थल जंबूरी मैदान तक प्रधानमंत्री मोदी खुली जीप में सवार होकर पहुंचेंगे. राज्य के करीब 50 हजार बूथ प्रभारियों को भीड़ जुटाने का जिम्मा दिया गया है.
मोदी का एक साल में 9वीं बार राजस्थान दौरा
पिछले एक साल से लगातार पीएम मोदी राजस्थान का दौरा कर रहे हैं. 11 महीनों में 8 बार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं और सोमवार को 9वीं बार वो पहुंचेंगे, लेकिन जयपुर में चार साल के बाद आ रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में जयपुर में रैली की थी. पिछले साल सितंबर 2022 में अंबा माता के दर्शन, नवंबर 2022 में बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम, जनवरी 2023 को मोदी भीलवाड़ा दौरे पर आए थे. फरवरी 2023 को दौसा जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के उद्घाटन, मई 2023 को पीएम मोदी ने नाथद्वारा और आबूरोड में रैली की थी.
मई 2023 में ही अजमेर, जुलाई 2023 को बीकानेर में अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस हाईवे का उद्घाटन किया था. 27 जुलाई को पीएम मोदी ने सीकर में जनसभा को संबोधित किया था और 9वीं बार जयपुर में परिवर्तन संकल्प महासभा में पीएम मोदी शिरकत करेंगे. यही वजह है कि सभी की निगाहें जयपुर में होने वाली पीएम मोदी की रैली पर है. माना जा रहा है कि राज्य के चुनावी माहौल में पीएम मोदी के जयपुर की धरा से प्रदेश के बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भरेंगे.
महिला आरक्षण विधेयक के लिए मोदी को धन्यवाद देने बड़ी संख्या में महिलाएं भी रैली में शामिल होंगी. कार्यक्रम स्थल पर 25 हजार विशेष महिलाएं केसरिया साड़ी और साफा पहने हुए होंगी, जो कार्यक्रम में आने वालों का स्वागत करेंगी. महिलाओं के हाथ में धन्यवाद पीएम मोदी जी का प्लेकार्ड भी होगा. यह देश की महिलाओं को लोकसभा-विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए किया जाएगा. इस तरह से बीजेपी ने महिला आरक्षण के दांव को भुनाने की कवायद तेज कर दी है.