रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत के दौरे पर हैं। यह दौरा हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की अभूतपूर्व सफलता के बाद हुआ है, जिसने न केवल भारत की समुद्री सामरिक क्षमताओं को रेखांकित किया, बल्कि पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश भी दिया।
#WATCH | Goa: Defence Minister Rajnath Singh says, "Today, I am very happy to be among our Naval warriors on INS Vikrant. When I stand on INS Vikrant, the pride of India's maritime power, I feel happy as well as proud and confident that as long as the security of the nation's… pic.twitter.com/jO6zo09wyY
— ANI (@ANI) May 30, 2025
INS विक्रांत की भूमिका – ऑपरेशन सिंदूर में नेतृत्वकारी शक्ति
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान INS विक्रांत ने Carrier Battle Group (CBG) का नेतृत्व किया, जिसमें 8–10 उन्नत युद्धपोत, जैसे डिस्ट्रॉयर, स्टील्थ फ्रिगेट, आदि शामिल थे। यह समूह उत्तरी अरब सागर में तैनात किया गया था। इस रणनीतिक तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को कराची से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं करने दी और उसे सीजफायर की अपील तक करनी पड़ी।
Goa | Defence Minister Rajnath Singh onboard at INS Vikrant.
(Source: RM Office) pic.twitter.com/k2OqUvOXG9
— ANI (@ANI) May 30, 2025
INS विक्रांत – स्वदेशी निर्माण का चमत्कार
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डिजाइन: भारतीय नौसेना का वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो
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निर्माण: कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL)
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लागत: ₹20,000 करोड़
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स्वदेशीकरण: 75% तक
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विशेषताएं:
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लंबाई: 262 मीटर
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चौड़ाई: 62 मीटर
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वजन: ~43,000 टन (पूर्ण लोडेड)
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स्टील: विशेष DMR ग्रेड स्टील (SAIL द्वारा आपूर्ति)
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सैन्य क्षमता – एक चलता फिरता एयरबेस
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लड़ाकू विमान: MiG-29K, ALH, Kamov हेलिकॉप्टर
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हथियार प्रणाली:
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4 x ओटो ब्रेडा 76mm गन
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4 x CIWS (Close-In Weapon System)
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आधुनिक रडार और एयर डिफेंस सिस्टम
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पाकिस्तान की चिंता – INS विक्रांत से क्यों खौफ?
पाकिस्तान के पास केवल 30 से कम युद्धपोत हैं, जिनमें कोई एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है। दूसरी ओर, INS विक्रांत एक संपूर्ण युद्धक समूह के साथ न केवल समुद्री युद्ध के लिए सक्षम है, बल्कि जमीनी ठिकानों पर भी सटीक हमले कर सकता है। यही कारण है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कराची बंदरगाह में पाकिस्तानी जहाज छुपे रहे।
#WATCH | Goa: "Pakistan knows what happens when the Indian Navy moves with full force. 1971 is a witness to this, that when the Indian Navy came into action, Pakistan was divided into two parts. If the Indian Navy had come into form in Operation Sindoor, then Pakistan would not… pic.twitter.com/JFMv8zlu8n
— ANI (@ANI) May 30, 2025
रक्षा मंत्री का दौरा – मनोबल और संदेश दोनों
राजनाथ सिंह का यह दौरा नौसेना के जांबाज़ों का उत्साहवर्धन करने के साथ-साथ यह भी दर्शाता है कि भारत की रक्षा नीति अब आक्रामक प्रतिरोध की ओर बढ़ रही है। रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की “सामरिक इच्छाशक्ति” का प्रतीक बताया है, जिसका असर पाकिस्तान के भीतर तक महसूस किया जा रहा है।
INS विक्रांत आज भारत के आत्मनिर्भर और मजबूत समुद्री रक्षा कवच का सबसे चमकता सितारा है। यह दौरा न केवल एक युद्धाभ्यास की सफलता का प्रतीक है, बल्कि भारत की बढ़ती सामरिक परिपक्वता का भी संकेत है।