प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेश में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी है। उसी का परिणाम है कि कतर द्वारा भारत के जिन आठ नौसेना के पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई थी उन्हें रिहा कर दिया गया। कतर से आठ पूर्व नौसेना कर्मी स्वदेश लौट चुके हैं।
फांसी की सजा के बाद रिहाई तक का सफर तय करने वाले कैप्टन सौरभ वशिष्ठ की पत्नी मनसा वशिष्ठ की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। उन्होंने अपने पति की रिहाई सुनिश्चित कराने और अपना वादा निभाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर का शुक्रिया अदा किया।
जासूसी के आरोप में हुई थी फांसी की सजा
अगस्त 2022 में जासूसी के एक कथित मामले में नौसेना कर्मियों को कतर में हिरासत में लिया गया था । कतरी अधिकारियों ने उन पर पनडुब्बी पर जासूसी करने का आरोप लगाया था और उन्हें उसी महीने जेल में डाल दिया गया था। अक्टूबर 2023 में उन्हें भी मौत की सजा सुनाई गई । हालांकि, दो महीने बाद, दिसंबर 2023 में सभी कर्मियों की सजा 25 साल कर दी गई थी ।
सौरभ वशिष्ठ के परिवार में वापस लौटी खुशियां
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मनसा वशिष्ठ ने कहा कि जब उनके पति हिरासत में थे, तब वह दोहा में रहीं ताकि वे उनसे मिल सकें। उन्होंने कहा कि उनके पति से मिलने के लिए उन्हें काफी कम समय दिया जाता था। मनसा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को अपना वादा पूरा करने के लिए धन्यवाद दिया।
#WATCH | Dehradun, Uttarakhand: Manasa Vashisht, the wife of one of the eight Indian Navy veterans released by Qatar – Saurabh Vashisht, says, "Since the beginning govt of India supported us. They (govt) said that they'd be putting 100% effort into bringing all 8 men back home… https://t.co/42TpoRqVMs pic.twitter.com/CXm1MyNA0M
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 14, 2024
सौरभ वशिष्ठ की मां की खुशी की कोई सीमा नहीं है। वहीं, उनके पिता ने बताया कि उन्होंने जब अपने फोन पर अपने बेटे की आवाज सुनी तो वो स्तब्ध रह गए। सौरभ ने जानकारी दी कि पहली बार जब मैंने अपने पिता को फोन किया तो उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद मैंने दोबारा फोन किया और फोन को न काटने के लिए कहा।
कैप्टन सौरव ने भी सरकार को कहा शुक्रिया
कैप्टन सौरव वशिष्ठ ने ऐसी असंभव उपलब्धि हासिल करने के लिए भारत सरकार को श्रेय दिया. उन्होंने कहा, ‘कतर सरकार के साथ पीएम मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण यह दिन आया है और मैं अपने परिवार के साथ यहां देहरादून में खड़ा हूं.’
पीएम मोदी ने ली थी रिहाई की जिम्मेदारी
जानकारी के मुताबिक, नौसेना की रिहाई की जिम्मेदारी पीएम मोदी ने खुद ली, जिसकी वजह से नौसेना कर्मियों की जल्द रिहाई हो सकी। प्रधानमंत्री ने पिछले साल नवंबर में दुबई का दौरा भी किया था और इस मामले पर कतर सरकार से सीधी बातचीत की थी। पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 2-3 बार दोहा का दौरा किया था। भारतीय एनएसए ने उनके नेतृत्व के साथ बातचीत करने के लिए 2-3 बार दोहा का दौरा किया।
नौसेना के कर्मियों के नाम
कैप्टन नवतेज सिंह गिल
कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा
कैप्टन सौरभ वशिष्ठ
कमांडर अमित नागपाल
कमांडर पूर्णेंदु तिवारी
कमांडर सुगुनाकर पकाला
कमांडर संजीव गुप्ता
नाविक रागेश