उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में बकरीद के त्यौहार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने और किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए 7 से 9 जून तक धारा 163 लागू कर दी गई है। पहले यह धारा धारा 144 के नाम से जानी जाती थी। इस आदेश के तहत सार्वजनिक कार्यक्रमों, नमाज, प्रदर्शन, जुलूस, भीड़ इकट्ठा करने, और ड्रोन उड़ाने जैसी गतिविधियों पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही लाउडस्पीकर का सीमित उपयोग, कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन, और हर्ष फायरिंग पर पूर्ण प्रतिबंध अनिवार्य कर दिया गया है।
प्रशासन का कहना है कि कुछ किसान और संगठन प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन बकरीद के मौके पर ऐसी गतिविधियों से शांति भंग होने की आशंका थी, इसीलिए उन्हें अनुमति नहीं दी गई है। धारा 163 के तहत, कोई भी आयोजन प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता।
सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी सख्त
अपर पुलिस आयुक्त के अनुसार, तीनों जोन में पुलिस और अधिकारियों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। छह हजार से अधिक पुलिसकर्मी, क्विक रिस्पांस टीम, पीएसी के जवान, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की सहायता से लगातार निगरानी कर रहे हैं। संवेदनशील इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है।
पुलिस ने सोशल मीडिया पर नजर रखने की बात भी कही है और आपत्तिजनक या भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है। जनता से अफवाहों से बचने और कोई भी संदिग्ध सूचना पुलिस को तुरंत देने की अपील की गई है।
कुर्बानी के लिए दिशानिर्देश
बकरीद पर दी जाने वाली कुर्बानी के लिए प्रशासन ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी सख्त रूप से वर्जित है।
- सार्वजनिक स्थलों पर कुर्बानी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- कुर्बानी के बाद पशु अवशेषों को खुले में फेंकने पर कार्रवाई होगी।
- अवशेषों को दफनाने या वैज्ञानिक विधि से नष्ट करने की अपील की गई है।
यह कदम धार्मिक सौहार्द बनाए रखने और शांतिपूर्ण बकरीद मनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। प्रशासन की सख्ती, सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती, और नियमों का स्पष्ट निर्धारण यह दर्शाते हैं कि सरकार किसी भी प्रकार की अराजकता या अशांति को बर्दाश्त नहीं करेगी। नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा करते हुए पुलिस और प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि बकरीद का पर्व बिना किसी अवरोध के संपन्न हो।