उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के देवापुर गांव में सामने आया यह मामला बेहद हैरान करने वाला, संवेदनशील और जांच योग्य है। एक ढाई साल के मासूम आरव की मौत ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है और इसके पीछे की कहानी में कई संदेहास्पद पहलू उभर रहे हैं।
घटना का सार:
- पीड़ित: ढाई साल का बच्चा — आरव
- आरोपी: पिता — लाखन सैनी, ई-रिक्शा चालक
- स्थान: देवापुर गांव, थाना कटघर, मुरादाबाद
घटना का कथित विवरण (पिता का बयान):
- बंदरों का झुंड घर में घुसा।
- पिता लाखन छत पर गया और कुल्हाड़ी फेंकी ताकि बंदर भाग जाएं।
- कुल्हाड़ी गलती से नीचे खेल रहे आरव की गर्दन पर जा लगी।
- गहरी चोट के कारण आरव की रास्ते में ही मौत हो गई।
- शव को बिना पुलिस को सूचना दिए दफना दिया गया।
संदेह और विरोधाभासी बातें:
1. बच्चे के मौसा का आरोप:
- दावा: यह हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी हत्या है।
- आरोप: लाखन पत्नी अनीता को अक्सर पीटता था।
- मौसा के अनुसार, पति-पत्नी के झगड़े के बाद पिता ने गुस्से में दादा की गोद से बच्चे को छीनकर मारा।
2. जिला पंचायत सदस्य का बयान:
- उनका कहना है कि गर्दन में कुल्हाड़ी नहीं, सरिया (लोहे की रॉड) घुसी थी — जो बंदरों की उछलकूद के दौरान छत से गिरी।
3. पुलिस को सूचना दिए बिना दफन करना:
- यह अपने आप में संदेह को गहरा करता है, क्योंकि ऐसे मामलों में पोस्टमॉर्टम आवश्यक होता है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच की स्थिति:
- शुरुआती तौर पर पुलिस ने इसे हादसा माना है।
- कटघर पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन अब मामले में परिवार के कुछ सदस्यों के आरोपों के बाद हत्या की आशंका पर भी विचार हो रहा है।
- यह भी जांचा जा रहा है कि शव को छुपाने या साक्ष्य मिटाने की मंशा थी या नहीं।
अब जरूरी कदम:
- शव को कब्र से निकाल कर पोस्टमॉर्टम कराया जाए — ताकि चोट की प्रकृति और मृत्यु का कारण स्पष्ट हो सके।
- FSL (Forensic) जांच — अगर कुल्हाड़ी या सरिया का इस्तेमाल हुआ हो तो उस पर खून/फिंगरप्रिंट का विश्लेषण किया जाए।
- मां और मौसा के बयान रिकॉर्ड किए जाएं, ताकि पृष्ठभूमि में घरेलू हिंसा या अन्य कारण सामने आ सकें।
- CCTV या गवाहों की तलाश — अगर कोई आसपास मौजूद था तो उसकी गवाही अहम हो सकती है।
निष्कर्ष:
यह मामला सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि संभवतः घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना और नरमी से लिए जा रहे गंभीर आरोपों का संकेत हो सकता है।
बच्चे की जान चली गई, लेकिन सच्चाई को सामने लाने और न्याय सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अब पूरी तरह पुलिस और प्रशासन पर है।