केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को लेकर टकराव तेज हो गया है। प्रधान ने स्टालिन पर “राजनीतिक एजेंडे के लिए प्रगतिशील शैक्षिक सुधारों को खतरे में डालने” का आरोप लगाया है, जबकि स्टालिन का कहना है कि केंद्र सरकार राज्य की शिक्षा प्रणाली पर अनावश्यक दबाव बना रही है।
Highly inappropriate for a State to view NEP 2020 with a myopic vision and use threats to sustain political narratives.
Hon’ble PM @narendramodi ji’s govt. is fully committed to promote and popularise the eternal Tamil culture and language globally. I humbly appeal to not… pic.twitter.com/aw06cVCyAP
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) February 21, 2025
क्या कहा धर्मेंद्र प्रधान ने?
📌 छात्रों के हितों को प्राथमिकता देने की अपील – प्रधान ने स्टालिन को पत्र लिखकर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठने और छात्रों के भविष्य के बारे में सोचने की सलाह दी।
📌 NEP का लचीलापन – उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि राज्य अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इसे लागू कर सकते हैं।
📌 भाषा थोपने का कोई दबाव नहीं – तमिलनाडु में तीन-भाषा फॉर्मूले के विरोध को लेकर प्रधान ने स्पष्ट किया कि NEP किसी भी भाषा को थोपने की वकालत नहीं करता।
📌 अन्य गैर-भाजपा शासित राज्यों ने अपनाया – प्रधान ने कहा कि कई गैर-भाजपा शासित राज्यों ने भी NEP को लागू किया है।
तमिलनाडु सरकार का रुख
✅ स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर NEP को लागू करने का विरोध जताया।
✅ उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान (SSA) और पीएम श्री स्कूल को NEP से जोड़ना पूरी तरह अस्वीकार्य है।
✅ तमिलनाडु सरकार का आरोप: केंद्र सरकार शिक्षा योजनाओं के लिए धन रोक रही है, जिससे राज्य का शिक्षा ढांचा प्रभावित हो सकता है।
Rejecting a student-centric, future-focused policy like NEP 2020 is a step backward.
NEP 2020 does not impose any language on any State. Politicising NEP 2020 to sustain political narratives is reprehensible. pic.twitter.com/JZcKj6kkG3
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) February 21, 2025
क्या है मुख्य विवाद?
1️⃣ तमिलनाडु NEP को पूरी तरह खारिज कर चुका है, जबकि केंद्र इसे पूरे देश में लागू करने के पक्ष में है।
2️⃣ तीन-भाषा नीति का तमिलनाडु में विरोध – राज्य हिंदी और संस्कृत थोपने के खिलाफ है।
3️⃣ शिक्षा योजनाओं की फंडिंग को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार।