हाल ही में समाजवादी पार्टी छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया है. राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के संरक्षक और संस्थापक साहब सिंह धनखड़ ने गुरुवार को स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का अध्यक्ष घोषित किया. बता दें कि दो दिन पहले यानी मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी.
सपा के महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया. एमएलसी पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव और सपा से मेरा वैचारिक मतभेद रहा है. मैं स्वच्छ राजनीति में विश्वास करता हूं. अखिलेश यादव समाजवादी विचारधारा के खिलाफ जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मुझे मुलायम सिंह यादव के साथ भी काम करने का अनुभव है. वे कट्टर समाजवादी नेता थे. जो लोग उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं वे उनकी विचारधारा पर नहीं चल पा रहे हैं. अफसोस की बात है. इससे पहले उन्होंने अखिलेश यादव पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी में उनकी अनदेखी की जा रही थी. सपा के कई नेताओं की बयानबाजी से हम दुखी थे.
अखिलेश में कुछ देने की हैसियत नहीं- स्वामी
सपा छोड़ने को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि किसी के मन में क्या है? ये कैसे पता चल सकता है. लाभ लेकर सभी चले जाते हैं. अखिलेश के इस बयान पर पलटवार करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनकी सरकार न तो केंद्र में है और न ही प्रदेश में है, कुछ देने की हैसियत में नहीं है. उन्होंने जो भी दिया है वह मैं उन्हें सम्मान के साथ वापस कर दूंगा. क्योंकि मेरे लिए पद मायने नहीं रखता, मेरे लिए विचार मायने रखता है. अखिलेश यादव की कही हुई बात उन्हें मुबारक. उन्होंने कहा कि लोगों के स्वाभिमान की लड़ाई मैं आगे लड़ता रहू्ंगा. समाज के लोगों को सही न्याय मिले इलके लिए मैं अपनी लड़ाई को आगे जारी रखूंगा.
नई पार्टी बनाने का किया था ऐलान
सपा से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि वो 22 फरवरी को अपनी नई पार्टी का ऐलान करेंगे. उनकी नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) है. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी बनाया गया है.
डिंपल यादव ने क्या कहा?
सपा से अलग होने पर डिंपल यादव ने कहा कि चुनाव के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य जी पार्टी में आए थे और वो चुनाव नहीं जीत पाए थे. उसके बावजूद भी समाजवादी पार्टी ने उन्हें MLC बनाकर विधानसभा में भेजने का काम किया और हम स्वामी प्रसाद मौर्य जी का हमेशा सम्मान करते आए हैं. स्वामी प्रसाद 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ कर अचानक समाजवादी पार्टी में आ गए थे. स्वामी प्रसाद के साथ बीजेपी के 8 विधायक भी तब सपा में शामिल हुए थे.
स्वामी प्रसाद मौर्य एक बड़ा चेहरा
उत्तर प्रदेश में यादव और कुर्मियों के बाद ओबीसी में तीसरा सबसे बड़ा जाति समूह मौर्य समाज का है. यूपी में करीब 7 फीसदी मौर्य-कुशवाहा की आबादी है, लेकिन करीब 15 जिलों में 15 फीसदी के करीब है. प्रदेश में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के 12 विधायक चुन कर 2022 में आए हैं. यहां एक दर्जन लोकसभा सीट पर मौर्य समुदाय का वोट दो लाख से साढ़े तीन लाख है.