28 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी। यह फैसला किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादन लागत पर कम से कम 50% का लाभ सुनिश्चित करने के सरकार के वादे के अनुरूप है।
MSP फैसले की 10 अहम बातें — आसान भाषा में 1. 14 खरीफ फसलों के MSP में बढ़ोतरी 2. 1.5 गुना लाभ का फार्मूला लागू 3. बाजरा में सबसे ज़्यादा लाभ: 63% 4. कुल आर्थिक प्रभाव: ₹2.07 लाख करोड़ 5. प्रमुख फसलों का नया MSP (प्रति क्विंटल): 6. MSP निर्धारण में A2+FL लागत का प्रयोग 7. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की बहस फिर से शुरू 8. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास9. उत्तरी राज्यों के लिए राहत का संकेत‘दोगुनी आय’ के लक्ष्य की ओर एक और कदम निष्कर्ष:
MSP फैसले की 10 अहम बातें — आसान भाषा में
1. 14 खरीफ फसलों के MSP में बढ़ोतरी
- सभी 14 प्रमुख खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाए गए हैं।
2. 1.5 गुना लाभ का फार्मूला लागू
- सरकार ने तय किया है कि MSP उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना होगा — यानी 50% या उससे अधिक लाभ।
3. बाजरा में सबसे ज़्यादा लाभ: 63%
फसल | लाभ (%) |
---|---|
बाजरा | 63% |
मक्का | 59% |
तुअर (अरहर) | 59% |
उड़द | 53% |
अन्य फसलें | लगभग 50% लाभ |
4. कुल आर्थिक प्रभाव: ₹2.07 लाख करोड़
- इस बढ़ोतरी का केंद्र सरकार पर वित्तीय भार ₹2.07 लाख करोड़ का अनुमान है, जो पिछले वर्ष से ₹35,000 करोड़ अधिक है।
5. प्रमुख फसलों का नया MSP (प्रति क्विंटल):
फसल | नया MSP (₹) | बढ़ोतरी (₹) |
---|---|---|
धान (सामान्य) | 2,369 | 69 |
बाजरा | 2,775 | 150 |
मक्का | 2,400 | 175 |
तुअर | 8,000 | 450 |
उड़द | 7,800 | 400 |
मूंग | 8,768 | 86 |
कपास (म. रेशा) | 7,710 | 589 |
6. MSP निर्धारण में A2+FL लागत का प्रयोग
- सरकार ने A2+FL लागत (बीज, खाद, मजदूरी + पारिवारिक श्रम) को आधार माना है, न कि C2 लागत को।
7. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की बहस फिर से शुरू
- कुछ किसान संगठन C2 लागत पर 50% मुनाफा मांग रहे हैं, लेकिन सरकार अभी भी A2+FL के पक्ष में है।
8. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास
- यह फैसला किसानों की क्रय शक्ति बढ़ाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
9. उत्तरी राज्यों के लिए राहत का संकेत
- धान, मक्का और तुअर जैसी फसलों में MSP बढ़ोतरी से उत्तर भारत और मध्य भारत के किसानों को राहत मिलेगी।
‘दोगुनी आय’ के लक्ष्य की ओर एक और कदम
- यह निर्णय 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के वादे के रोडमैप में अगला चरण माना जा रहा है।
निष्कर्ष:
MSP में यह नई बढ़ोतरी किसानों के लिए आशाजनक है, खासकर उन फसलों में जिनकी लागत पर लाभ 50% से अधिक है। लेकिन C2 लागत को नजरअंदाज करने पर कुछ संगठनों की नाराजगी बनी हुई है।