सीडीएस जनरल अनिल चौहान के इस बयान में भारत की नई रणनीतिक सोच, आत्मावलोकन की क्षमता और स्पष्ट संदेश नीति को उजागर किया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान को करारा जवाब
- जनरल अनिल चौहान ने माना कि कोई भी युद्ध बिना नुकसान के नहीं होता, लेकिन भारत ने जिस प्रभावी ढंग से जवाब दिया, उसकी सराहना हो रही है।
- ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सफल प्रहार किए गए।
- भारत ने अपनी सामरिक गलतियों को पहचाना, उन्हें सुधारा, और तेजी से नई रणनीति लागू की — यह भारत की परिपक्वता और सशक्त सैन्य सोच को दर्शाता है।
- उन्होंने कहा, “हमने गलती सुधारी और दो दिन बाद सभी जेट विमानों को फिर से उड़ाकर लंबी दूरी के लक्ष्यों को साधा।” इससे भारत की तेज कार्रवाई और लचीलापन झलकता है।
शांगरी-ला डायलॉग में पाकिस्तान को आईना
- सिंगापुर में आयोजित 22वें शांगरी-ला डायलॉग में जनरल चौहान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहा कि:
- भारत को हमेशा पाकिस्तान से धोखा मिला है, लेकिन अब भारत की नीति बदल चुकी है।
- “भारत नहीं बदला, बल्कि रणनीति बदली है” — यह लाइन भारत की नई विदेश नीति और रक्षा नीति का सार है।
- उन्होंने पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की रणनीति को भी रेखांकित किया।
भारत-पाकिस्तान की तुलना और भारत की प्रगति
- स्वतंत्रता के समय पाकिस्तान आर्थिक, सामाजिक और प्रति व्यक्ति जीडीपी में भारत से आगे था।
- आज भारत, सभी क्षेत्रों में, जैसे आर्थिक प्रदर्शन, मानव विकास और सामाजिक सद्भाव, में पाकिस्तान से काफी आगे है — यह दीर्घकालिक रणनीति और लोकतांत्रिक मजबूती का परिणाम है।
कूटनीति में भी सख्ती
- 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने जब नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था, तब शांति की पहल की गई थी।
- लेकिन सीडीएस ने कहा कि “ताली दो हाथों से बजती है”, और अगर दूसरी ओर से केवल शत्रुता मिले, तो “अलगाव ही बेहतर रणनीति” हो सकती है।
निष्कर्ष
CDS जनरल अनिल चौहान का यह बयान स्पष्ट करता है कि:
- भारत अब न केवल आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक सैन्य कार्रवाई कर सकता है,
- बल्कि साथ ही साथ राजनयिक स्तर पर भी अपनी स्थिति मज़बूती से रख रहा है।
- और सबसे अहम बात — भारत अब रणनीतिक दृष्टि से सतर्क, लचीला और आत्म-आलोचनात्मक बन चुका है, जो किसी भी आधुनिक शक्ति की पहचान है।