प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक हो रही है, जो देश की नीतिगत दिशा और विकास संबंधी प्राथमिकताओं को तय करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बैठक के प्रमुख मुद्दे:
1. विकसित भारत @2047 का विजन
- नीति आयोग इस बैठक में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के मसौदे पर चर्चा करेगा।
- यह विजन भारत की आज़ादी के 100 साल पूरे होने तक $30 ट्रिलियन (30 हज़ार अरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य पर केंद्रित है।
- इसमें हरित ऊर्जा, डिजिटल इंडिया, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, नवाचार और रोजगार जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक सुधारों की बात होगी।
2. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली समेकित बैठक
- पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद, यह सभी मुख्यमंत्रियों की पीएम के साथ पहली बड़ी बैठक है।
- इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकी घटनाओं पर समन्वित प्रतिक्रिया, और राज्यों के बीच इंटेलिजेंस साझेदारी जैसे मुद्दे भी अनौपचारिक रूप से चर्चा में आ सकते हैं।
3. बजट 2025-26 की नई पहलें और आर्थिक चुनौतियाँ
- बैठक में वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में घोषित नई योजनाओं के कार्यान्वयन और राज्यों के सहयोग पर विमर्श होगा।
- अमेरिका-भारत टैरिफ विवाद, ग्लोबल स्लोडाउन, और वर्ल्ड बैंक-IMF द्वारा भारत की ग्रोथ रेट घटाए जाने जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, राज्यों के लिए रणनीतिक समर्थन पर चर्चा संभावित है।
पृष्ठभूमि और महत्व:
विषय | विवरण |
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बैठक की आवृत्ति | हर वर्ष एक बार आयोजित होती है |
भागीदार | सभी राज्य सरकारों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, केंद्रीय मंत्री |
उद्देश्य | सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना और नीतिगत सहयोग सुनिश्चित करना |
पदेन अध्यक्ष | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
पिछले वर्ष (2024) 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस बैठक में भाग नहीं लिया था, जिससे सहकारी संघवाद पर सवाल खड़े हुए थे। इस बार केंद्र उन राज्यों को शामिल करने की पूरी कोशिश कर रहा है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में बैठक का महत्व:
- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अप्रैल में भारतीय उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाने के बाद भारत की निर्यात नीति और आर्थिक संतुलन पर बड़ा दबाव है।
- IMF और वर्ल्ड बैंक ने भारत की 2025 की ग्रोथ रेट को घटाकर क्रमशः 6.2% और 6.3% कर दिया है।
इसलिए, यह बैठक केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित कर भारत की विकास गाथा को वैश्विक दबावों के बीच स्थिर रखने की रणनीति पर केंद्रित होगी।
संभावित परिणाम:
- विकसित भारत @2047 पर राज्यों की भूमिका तय करने वाला प्रारंभिक मसौदा।
- राज्यों से साझा कार्य योजना पर सहमति।
- नवाचार आधारित योजनाओं पर ज़ोर।
- केंद्र-राज्य वित्तीय साझेदारी को नया दृष्टिकोण।