विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का यह बयान भारत की पाकिस्तान नीति में निरंतरता और दृढ़ता को दर्शाता है।
भारत की पाकिस्तान नीति: जयशंकर का दो-टूक संदेश
1. बातचीत होगी, लेकिन सिर्फ आतंकवाद और POK पर
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भारत पाकिस्तान से सामान्य द्विपक्षीय वार्ता तभी करेगा जब विषय आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर हो।
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कोई तीसरा पक्ष (जैसे OIC, चीन या अमेरिका) इस वार्ता में शामिल नहीं होगा।
📌 उद्धरण:
“हमारा दृष्टिकोण वर्षों से स्पष्ट है। अगर बात होगी तो आतंकवाद और पीओके पर ही होगी।”
2. कोई बदलाव नहीं, सब कुछ द्विपक्षीय रहेगा
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भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दे द्विपक्षीय ढंग से ही सुलझाए जाएंगे, यह 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र में भी तय हो चुका है।
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भारत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्पष्ट रूप से खारिज करता है।
#WATCH | Delhi | "Our relations and dealings with Pakistan will be strictly bilateral. That is a national consensus for years, and there is absolutely no change in that. The prime minister made it very clear that talks with Pakistan will be only on terror. Pakistan has a list of… pic.twitter.com/j9lugNSpsd
— ANI (@ANI) May 15, 2025
3. आतंकवाद पर ‘जीरो टॉलरेंस’
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पाकिस्तान को आतंकी ढांचे (Terror Infrastructure) को पूर्ण रूप से खत्म करना होगा।
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भारत उन आतंकियों से कोई बात नहीं करेगा जिन्हें पाकिस्तान पनाह और समर्थन दे रहा है।
📌 स्पष्ट चेतावनी:
“वे जानते हैं कि उन्हें क्या करना है। अगर वे आतंकवाद खत्म करना चाहते हैं तो हम वार्ता के लिए तैयार हैं।”
4. POK है सिर्फ एक ही ‘कश्मीर मुद्दा’
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डॉ. जयशंकर ने कहा कि कश्मीर पर एकमात्र चर्चा वही हो सकती है जो पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) की भारत में वापसी से जुड़ी हो।
यह भारत की आधिकारिक संसदीय स्थिति भी है, जो 1994 के सर्वसम्मति से पास प्रस्ताव में दर्ज है।
5. सिंधु जल संधि स्थगित
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भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को स्थगित कर रखा है, और यह तब तक नहीं बहाल होगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता।
सिंधु जल संधि (1960) विश्व की सबसे पुरानी और सफल जल संधियों में से एक मानी जाती है, लेकिन भारत अब इसका रणनीतिक उपयोग कर रहा है।
6. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन
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7 मई को हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के जरिए आतंकियों को सर्जिकल रूप से निशाना बनाने की बात की गई है।
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डॉ. जयशंकर ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत को संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक समुदाय का पूरा समर्थन मिल रहा है।
निष्कर्ष:
विदेश मंत्री का यह बयान भारत की विदेश नीति का मजबूत संदेश है कि:
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पाकिस्तान को आतंकवाद खत्म करना होगा।
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कोई तीसरा पक्ष वार्ताकार नहीं होगा।
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केवल PoK भारत का एजेंडा है, बाकी मुद्दे पाकिस्तान की ज़िम्मेदारी हैं।