भारत की विदेश नीति को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के इस स्पष्ट और सख्त बयान से कई अहम रणनीतिक बिंदु उभरकर सामने आते हैं। यह बयान केवल पाकिस्तान को चेतावनी नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी एक सशक्त संदेश है कि भारत अब ‘टॉक और टेरर साथ-साथ नहीं’ की नीति पर पूरी तरह अडिग है।
भारत का स्पष्ट रुख: “अब सिर्फ PoK की बात होगी”
रणनीतिक मुख्य बिंदु:
- पाकिस्तान से केवल PoK खाली कराने पर बात होगी – इसका अर्थ है कि भारत अब कश्मीर मुद्दे को केवल एक “वापसी के एजेंडे” के तहत देखता है, न कि “विवादित क्षेत्र” के रूप में।
- कोई तीसरा पक्ष स्वीकार्य नहीं – भारत ने फिर दोहराया कि कोई भी वार्ता केवल द्विपक्षीय होगी, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता (जैसे कि ओआईसी, यूएन, या चीन की कोशिशें) को सिरे से खारिज किया गया है।
- ट्रेड और टॉक साथ नहीं हो सकते – पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार का व्यापारिक पुनर्स्थापन आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई के बिना असंभव है।
सिंधु जल संधि पर रोक: “पानी और खून एक साथ नहीं बहेंगे”
- सिंधु जल समझौता, जो 1960 में भारत-पाक के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से बना था, को “अस्थायी रूप से निलंबित” करने की बात कही गई है।
- यह पहली बार है कि भारत खुलकर इस समझौते पर दबाव बनाने के हथियार के रूप में उपयोग कर रहा है।
- यह कूटनीतिक कदम पाकिस्तान के लिए जल संकट का कारण बन सकता है, जिससे उसकी सिंचाई और बिजली उत्पादन प्रभावित होगा।
#WATCH | Delhi: On multi-party delegation, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "There are seven delegations. Three delegations have departed…This is a political mission. We want to make a stronger outreach to the world to convey our resolve to fight terrorism. We want the… pic.twitter.com/CAxlBe6RKF
— ANI (@ANI) May 22, 2025
आतंकी प्रत्यर्पण की माँग:
भारत ने पाकिस्तान को दी गई उन कुख्यात आतंकियों की सूची का फिर से हवाला दिया है जिनकी प्रत्यर्पण की मांग की गई थी – संभवतः इसमें शामिल हैं:
- हाफिज सईद
- मसूद अजहर
- दाऊद इब्राहिम
- जकी-उर-रहमान लखवी
यह मांग भारत की “Zero Tolerance Towards Terror” नीति का हिस्सा है।
वैश्विक मंच पर भारत की आक्रामक कूटनीति
🔹 प्रतिनिधिमंडलों का दौरा:
- सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों में से तीन पहले ही रवाना हो चुके हैं।
- लक्ष्य: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना, और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पोल खोलना।
🔹 मिशन के उद्देश्य:
- सीमा पार आतंकवाद को विश्व अपराध के रूप में स्थापित करना
- पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और आर्थिक अलगाव की ओर धकेलना
निष्कर्ष:
विदेश मंत्रालय का यह बयान दर्शाता है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ रिश्तों को “पुराने ढर्रे” पर नहीं चलाना चाहता। यह कूटनीतिक दृष्टिकोण साफ, निर्भीक और निर्णायक है:
- पाकिस्तान को अब बिना कार्रवाई के कोई राहत नहीं मिलेगी।
- PoK की वापसी, आतंकवाद के अपराधियों की प्रत्यर्पण, और सिंधु जल समझौते पर दबाव — ये तीनों एक समन्वित रणनीति का हिस्सा हैं।