वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार मेहता को शुक्रवार को तीन साल की अवधि के लिए भारत के सालिसिटर जनरल (AG) के रूप में फिर से नियुक्त किया गया। मेहता को 10 अक्टूबर, 2018 को सालिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था और तब से उन्हें दो बार विस्तार दिया जा चुका है।
तीन साल की अवधि के लिए फिर हुई नियुक्ति
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार, मेहता के अलावा, छह अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (ASG) को भी सुप्रीम कोर्ट के वास्ते तीन साल की अवधि के लिए फिर से नियुक्त किया गया है। इनमें विक्रमजीत बनर्जी, के एम नटराज, बलबीर सिंह, एस वी राजू, एन वेंकटरमन और ऐश्वर्या भाटी शामिल हैं।
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल माधवी गोराडिया दीवान और संजय जैन का कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो गया, लेकिन पुनर्नियुक्त होने वालों की सूची में उनके नाम शामिल नहीं है। अतिरिक्त सालिसिटर जनरल जयंत के सूद का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हुआ और इनका नाम भी सूची में शामिल नहीं है।
दिल्ली हाई कोर्ट के लिए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के लिए सत्यपाल जैन, गुजरात हाई कोर्ट के लिए देवांग गिरीश व्यास और पटना हाई कोर्ट के लिए कृष्ण नंदन सिंह को भी तीन साल के लिए पुनर्नियुक्ति प्रदान की गयी है।
कौन हैं तुषार मेहता?
तुषार मेहता ने गुजरात विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की है। उन्हें कर्नाटक स्टेट ला यूनिवर्सिटी से मानद डाक्टरेट की उपाधि भी मिली है। तुषार मेहता ने 1987 में एक वकील के रूप में अपना कार्य शुरू किया था और 2007 में 42 साल की उम्र में गुजरात हाई कोर्ट की ओर से उन्हें वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया था।
तुषार मेहता 2008 में अतिरिक्त एडवोकेट जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था। तुषार मेहता को 2014 में भारत के अतिरिक्त सालिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद मेहता को 2018 में भारत के सालिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया।