अमेरिकी अधिकारियों के खुलासे में बताया गया कि साल 2022 में रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमले का प्लान भारत के हस्तक्षेप के बाद नहीं किया था। इस बात को स्वीकारते हुए पूर्व राजनयिक राजीव डोगरा ने कहा कि यूक्रेन के लिए रूस द्वारा उत्पन्न “संभावित परमाणु खतरे’ को टालने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट रूप से अपनी भूमिका निभाई… अगर यह हस्तक्षेप नहीं होता तो शायद चीजें बिगड़ जातीं” और यह युद्ध एक बहुत ही खतरनाक मोड़ पर पहुंच जाता।
हालिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, पूर्व राजनयिक राजीव डोगरा ने पीएम मोदी के हस्तक्षेप के सकारात्मक प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि इस हस्तक्षेप के कारण ही हाल के दिनों में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत के प्रति सकारात्मकता कई बार देखी गई।
‘अगर हमने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो…’
राजीव डोगरा ने बताया कि यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह भूमिका निभाई। उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से भी संपर्क किया। ये कुछ रिपोर्टें हैं जो अब देखे जा रहे हैं और इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। वास्तव में, राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी और भारत के बारे में बार-बार बात की है डोगरा ने एक साक्षात्कार में न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि हाल के सप्ताह में भारत के प्रति बहुत ही सकारात्मक रहे हैं। अगर हमने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो शायद चीजें बहुत खतरनाक स्थिति में पहुंच गई होतीं।
पूर्व राजनयिक ने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से यह भी कहा था कि “यह युद्ध का युग नहीं है।”
युद्ध का परमाणु स्तर तक बढ़ना बेहद चिंताजनक
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डोगरा ने संघर्ष के परमाणु स्तर तक बढ़ने की संभावना पर गहरी चिंता व्यक्त की। पूर्व राजनयिक ने कहा, “तो आज एक अमेरिकी चैनल में खबर आई कि यूक्रेन युद्ध के परमाणु स्तर तक बढ़ने की वास्तविक संभावना थी जो बेहद चिंताजनक थी। यही कारण है कि उन्होंने भारत और अन्य देशों से संपर्क किया ताकि इस युद्ध में विस्तार न हो और यह जंग खतरनाक स्तर तक न पहुंच जाए।”
भारत-चीन समेत अन्य देशों ने रूस से संपर्क साधा
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि अमेरिका की गुहार के बाद भारत-चीन समेत अन्य देशों ने रूस से संपर्क साधा. इसके साथ दबाव बढ़ाया. वहीं, रूस-यूक्रेन वॉर के मामले में भारत ने हमेशा नागरिक हत्याओं की निंदा की है. युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया है. उज्बेकिस्तान एससीओ के शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि ये युद्ध का युग नहीं है.