विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना और इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत पहचान दिलाना है। हिंदी, भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और दुनियाभर में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा के रूप में प्रतिष्ठित है।
हिंदी का वैश्विक महत्व
- विश्व में हिंदी भाषी: भारत के अलावा मॉरीशस, नेपाल, सूरीनाम, फिजी, त्रिनिदाद, फिलीपींस, पाकिस्तान और तिब्बत जैसे कई देशों में हिंदी बोलने वाले लोग रहते हैं।
- मूल जनसंख्या से परे: हिंदी को मादरी भाषा के रूप में बोलने वालों की संख्या करोड़ों में है, और इसे समझने और प्रयोग करने वालों की संख्या और भी अधिक है।
- दुनिया में स्थान: हिंदी मंदरिन और अंग्रेजी के बाद तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
विश्व हिंदी दिवस का इतिहास और महत्व
- पहली बार आयोजन:
- पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 1974 में नागपुर, महाराष्ट्र में आयोजित हुआ था।
- इसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
- इस सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था।
- 2006 में शुरुआत:
- तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की।
- इसका उद्देश्य हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना था।
- संविधान में हिंदी का स्थान:
- 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया।
- महात्मा गांधी ने 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को जनमानस की भाषा और राजभाषा बनाने पर जोर दिया था।
विश्व हिंदी दिवस 2025 का थीम
इस साल का थीम है: ‘हिंदी: एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज।’
- यह थीम हिंदी को एक सांस्कृतिक और सामाजिक समन्वय का प्रतीक मानती है।
- इसका उद्देश्य हिंदी के जरिए वैश्विक स्तर पर एकता और सांस्कृतिक विविधता का संदेश देना है।
कार्यक्रम और आयोजन
- भारत में आयोजन:
- केंद्र सरकार और विभिन्न संस्थान हिंदी दिवस पर हिंदी साहित्य और भाषा के प्रचार से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
- साहित्यकारों और हिंदी सेवा से जुड़े लोगों को सम्मानित किया जाता है।
- वैश्विक स्तर पर:
- हिंदी भाषा के महत्व और उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए प्रवासी भारतीय समुदाय भी कार्यक्रम आयोजित करता है।
- गीता, रामायण, और हिंदी साहित्य की अन्य रचनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है।
हिंदी की शक्ति और भविष्य
- वैश्विक संवाद का माध्यम:
- हिंदी का प्रसार केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दुनियाभर में भारतीय संस्कृति और एकता की पहचान बना रही है।
- तकनीकी युग में हिंदी:
- डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हिंदी का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है।
- सोशल मीडिया, वेब सामग्री और ऐप्स में हिंदी का व्यापक उपयोग इसे और सशक्त बना रहा है।
विश्व हिंदी दिवस न केवल हिंदी भाषा का उत्सव है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, परंपरा और एकता का प्रतीक भी है। थीम ‘हिंदी: एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज’ के साथ, 2025 का हिंदी दिवस यह संदेश देगा कि हिंदी सिर्फ भाषा नहीं, बल्कि एक वैश्विक संस्कृति का आधार है।