राजस्थान में मुख्यमंत्री कौन होगा? चुनाव नतीजे आने के 4 दिन बाद भी इस पर सस्पेंस बना हुआ है. राजस्थान में सीएम की रेस में वसुंधरा राजे, सांसद दिया कुमारी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा बाबा बालकनाथ भी हैं. सांसद बाबा बालकनाथ को बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में भी उतारा था. ऐसे में जब उनसे पूछा गया कि क्या वे आज संसद सदस्यता से इस्तीफा देंगे, इस सवाल को सुनकर वे दौड़ते हुए संसद परिसर में प्रवेश कर गए.
बीजेपी ने इस बार विधानसभा चुनाव में 21 सांसदों को विधानसभा का टिकट दिया था. इनमें से 12 विधानसभा चुनाव जीत गए हैं. 12 सांसदों में से 10 ने गुरुवार को इस्तीफा दिया था. इस्तीफा देने वाले सांसदों में राजस्थान से राज्यवर्धन राठौड़, दीया कुमारी, किरोड़ी लाल मीना (राज्यसभा सदस्य), मध्यप्रदेश से नरेंद्र तोमर, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह और छ्त्तीसगढ़ से गोमती साईं, अरुण साव ने इस्तीफा दे दिया था.
जबकि बाबा बालकनाथ और छत्तीसगढ़ से जीतकर आईं रेणुका सिंह ने गुरुवार को इस्तीफा नहीं दिया था. बालकनाथ ने गुरुवार को संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिया. वहीं, रेणुका सिंह किसी मेडिकल इमरजेंसी की वजह से फिलहाल घर पर हैं.
कौन हैं बाबा बालकनाथ?
महंत बालकनाथ योगी अलवर से सांसद हैं. बीजेपी ने उन्हें तिजारा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा था. बाबा बालकनाथ ने इस सीट से जीत हासिल की है. बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में शामिल बाबा बालकनाथ का पहनावा योगी आदित्यनाथ की तरह रहता है. इसलिए उन्हें लोग राजस्थान का योगी भी कहते हैं.
बाबा बालकनाथ की अलवर और उसके आसपास के इलाकों में मजबूत पकड़ मानी जाती है. यही वजह है कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में भी उनपर भरोसा जताया. वे बीजेपी के हिंदुत्ववादी एजेंडे पर फिट बैठते हैं. यही वजह है कि चुनाव से पहले जब राजस्थान में बीजेपी ने अपनी इकाई का ऐलान किया था, तब उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया.
महंत बालकनाथ योगी का जन्म 16 अप्रैल 1984 को राजस्थान के अलवर जिले के कोहराना गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम सुभाष यादव और मां का नाम उर्मिला देवी है. माता पिता की इकलौती संतान हैं और उनके परिवार में उनके दादा फूलचंद यादव और दादी मां संतरो देवी है . उनका परिवार बहुत लंबे समय से जनकल्याण और साधु संतों की सेवा करता रहा है.
6 साल की उम्र में छोड़ा घर
उनके परिवार ने उन्हें मात्र 6 वर्ष की उम्र में अध्यात्म का अध्ययन करने के लिए महंत खेतानाथ के पास भेज दिया था. महंत खेतानाथ ने ही उन्हें बचपन में गुरुमख नाम दिया था. महंत खेतानाथ से अपनी शिक्षा दीक्षा को लेने के बाद वो महंत चांद नाथ के पास आ गए. महंत चांद नाथ ने उन्हें 29 जुलाई 2016 को अपना उत्तराधिकारी चुना था. महंत बालक नाथ योगी हिंदू धर्म के नाथ संप्रदाय के आठवें संत है. बालक नाथ योगी बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के चांसलर भी है.