यूपी के हाथरस में बीती 2 जुलाई को साकार विश्व हरि के सत्संग में मची भगदड़ में एसआईटी रिपोर्ट के बाद योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. इस मामले में स्थानीय एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. एसआईटी ने अपनी 300 पेज की रिपोर्ट में इन अधिकारियों की लापरवाही बताई थी.
एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट में 125 लोगों के बयान दर्ज किए थे. इनमें हाथरस के डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ और दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान भी शामिल थे. इस रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी पर निशाना साधा गया था, जबकि इसमें सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि का नाम ही नहीं था.
एसआईटी जांच के बाद क्या-क्या हुआ?
- सबूतों के आधार पर हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है.
- हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इनकार नहीं, गहन जांच की जरूरत है.
- एसआईटी ने कार्यक्रम आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस-प्रशासन को भी दोषी पाया है. स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं.
- उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया.
- कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया. एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है. एसडीएम सिकन्दराराऊ, CO सिकन्दराराऊ, SHO सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है.
- आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली. अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया. आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई. न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया.
- आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं. इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली.
- आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया. स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया.
- सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई. भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरिके़डिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए.
हाथरस भगदड़ में गई 121 लोगों की जान
बता दें कि बीती दो जुलाई को यूपी के हाथरस में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मची थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी और एक लाख रुपये के इनामी देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा छह और आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. ये सभी आरोपी सत्संग आयोजन समिति के सदस्य थे.