अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज बारिश के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम देरी से शुरू हुआ. श्रीनगर में डल झील के किनारे पहले यह खुले मैदान में होना था पर बारिश नहीं रुकी तो बड़े हॉल में किया गया. पीएम ने कहा कि दुनिया आज योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में देखती है क्योंकि यह लोगों को अतीत का बोझ उठाए बिना वर्तमान में जीने में मदद करता है. 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में प्रधानमंत्री ने योग इकोनॉमी की भी बात की. योगाभ्यास के बाद उन्होंने डल झील के किनारे सेल्फी भी ली.
Post Yoga selfies in Srinagar! Unparalled vibrancy here, at the Dal Lake. pic.twitter.com/G9yxoLUkpX
— Narendra Modi (@narendramodi) June 21, 2024
उन्होंने कहा कि योग के वैश्विक स्तर पर प्रसार से इसके बारे में धारणा बदली है क्योंकि प्रामाणिक जानकारी हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में लोग भारत की यात्रा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम अब उत्तराखंड और केरल जैसे राज्यों में योग पर्यटन देख रहे हैं. लोग भारत आ रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रामाणिक योग देखने को मिलता है.’ उन्होंने कहा, ‘लोग अब फिटनेस के लिए निजी तौर पर योग प्रशिक्षक रख रहे हैं और कंपनियां अपने कर्मचारियों को स्वस्थ रखने के लिए योग के कार्यक्रम भी आयोजित कर रही हैं. इसने आजीविका के नए रास्ते खोले हैं.’
उन्होंने कहा कि योग ने लोगों को यह महसूस कराने में मदद की है कि उनका कल्याण उनके आसपास की दुनिया के कल्याण से जुड़ा हुआ है. मोदी ने कहा, ‘दुनिया योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में देख रही है. योग हमें अतीत के बोझ के बिना वर्तमान क्षण में जीने में मदद करता है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब हमारा चित्त शांत रहता है तब हम दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं… योग समाज में सकारात्मक बदलाव के नए तरीके बना रहा है.’
संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने सामूहिक योगाभ्यास में हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और योग के प्रति लोगों का आकर्षण भी लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘मैं जहां भी जाता हूं, शायद ही कोई नेता (अंतरराष्ट्रीय) होता है जो योग के फायदों के बारे में मुझसे बात नहीं करता है.’ उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुझे योग और साधना की भूमि कश्मीर में आने का सौभाग्य मिला है. योग से हमें जो शक्ति मिलती है, श्रीनगर में हम उसे महसूस कर रहे हैं. मैं देश के सभी लोगों को और दुनिया के कोने-कोने में योग कर रहे लोगों को कश्मीर की धरती से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं.’
मोदी ने तुर्कमेनिस्तान, सऊदी अरब, मंगोलिया और जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा कि योग की प्राचीन विधाएं वहां तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं और लोग योग को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में फ्रांस की 101 वर्षीय महिला शारलोट चोपिन का भी जिक्र किया जिन्हें अपने देश में योग को लोकप्रिय बनाने में उनकी सेवाओं के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘योग केवल ज्ञान नहीं है बल्कि विज्ञान भी है. सूचना क्रांति के इस युग में, सूचना स्रोतों की बाढ़ आ गई है और लोगों के लिए एक विषय पर ध्यान केंद्रित करना भी चुनौती बन गया है.’ उन्होंने कहा, ‘इसका भी समाधान योग में है क्योंकि यह ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है इसलिए सेना से लेकर खेलों तक, योग लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था और भारत के इस प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया था जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड था. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाए जाने की घोषणा दिसंबर 2014 में की थी.