झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले का जराइकेला थाना क्षेत्र, विशेष रूप से तिरिपोसी गांव के पास का घना जंगल।
क्या हुआ मुठभेड़ में?
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शुक्रवार को सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर और जिला सशस्त्र पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन शुरू किया था।
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इसी दौरान माओवादियों द्वारा पहले से छिपाकर लगाए गए IED बम में विस्फोट हो गया।
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कोबरा 209 बटालियन के जवान सुनील कुमार इस विस्फोट की चपेट में आकर घायल हो गए।
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घायल जवान को घटनास्थल पर प्राथमिक उपचार देने के बाद अस्पताल भेजा गया।
क्या मिला ऑपरेशन में?
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विस्फोटक सामग्री,
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दैनिक उपयोग की वस्तुएं,
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अन्य संदिग्ध सामान बरामद किया गया है।
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यह सब माओवादियों द्वारा जंगल में बनाए गए ठिकानों से जब्त किया गया।
मुख्य निशाना कौन था?
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ऑपरेशन का उद्देश्य वांछित माओवादी नेता मिसिर बेसरा और उसके गिरोह को पकड़ना था।
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मिसिर बेसरा पर ₹1 करोड़ का इनाम घोषित है।
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खुफिया जानकारी के अनुसार वह कोल्हान क्षेत्र में सक्रिय है।
सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका:
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सीआरपीएफ,
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झारखंड जगुआर,
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जिला सशस्त्र बल,
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कोबरा बटालियन – सभी मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।
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सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है, और माओवादियों की तलाश के लिए जंगलों की गहन छानबीन हो रही है।
सुरक्षा बलों के लिए चुनौती:
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माओवादी घात लगाकर IED विस्फोट करते हैं।
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इलाके की भौगोलिक स्थिति (घना जंगल, दुर्गम पहाड़ियाँ) ऑपरेशन को और कठिन बनाती है।
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स्थानीय समर्थन और खुफिया नेटवर्क का विस्तार करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
पृष्ठभूमि और बड़ा संदर्भ:
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झारखंड के कोल्हान क्षेत्र (पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला, चाईबासा आदि) लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है।
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मिसिर बेसरा झारखंड-बिहार में कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड है।
यह मुठभेड़ झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ तेज और सटीक ऑपरेशन का प्रमाण है। घायल जवान की स्थिति चिंता का विषय है लेकिन ऑपरेशन में मिली सफलता (विस्फोटक जब्ती और माओवादी ठिकानों की पहचान) सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।