मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत बड़ा कदम उठाते हुए प्रशासन ने निजामुद्दीन कॉलोनी को खाली करवाने का कार्य शुरू कर दिया है। इस कार्रवाई में 257 मकानों और एक धार्मिक स्थल (तकिया मस्जिद) को हटाने का काम किया गया।
कार्रवाई का मुख्य विवरण:
- जमीन खाली कराने का कारण:
- सवा दो हेक्टेयर जमीन को महाकाल मंदिर के विस्तार और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
- इस क्षेत्र में वाहन पार्किंग और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
- वर्ष 2028 के सिंहस्थ मेले को ध्यान में रखते हुए भी इस भूमि का उपयोग किया जाएगा।
- धार्मिक स्थल का हटाया जाना:
- तकिया मस्जिद को हटाने के लिए तीन बुलडोजर लगाए गए।
- प्रशासन ने धर्मगुरुओं से चर्चा कर आपसी सहमति से यह कार्य शांतिपूर्ण तरीके से किया।
- मुआवजे का प्रावधान:
- स्थानीय निवासियों को कुल ₹66 करोड़ का मुआवजा दिया जा रहा है।
- अब तक ₹32 करोड़ का मुआवजा वितरित किया जा चुका है।
- नोटिस देकर लोगों को मकान खाली करने का समय दिया गया था।
- प्रशासन की भूमिका:
- इस कार्रवाई में 200 से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात रहे।
- एडिशनल एसपी नितेश भार्गव और एसडीएम लक्ष्मी नारायण गर्ग ने पूरी प्रक्रिया का नेतृत्व किया।
- प्रशासन ने मुनादी कर लोगों को जानकारी दी और शांति बनाए रखने की अपील की।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- विस्तारीकरण योजना का उद्देश्य:
- महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुविधाओं का विकास करना।
- क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन और सिंहस्थ मेले के लिए तैयार करना।
- कानूनी स्थिति:
- स्थानीय निवासियों द्वारा हाई कोर्ट में अपील की गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया।
- इस निर्णय के बाद प्रशासन ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
- स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया:
- कुछ निवासियों ने स्वेच्छा से अपने मकानों को तोड़ना शुरू किया।
- मुआवजे और पुनर्वास के प्रावधान के बावजूद कुछ लोगों ने असंतोष जताया है।
आगे की योजना:
- इस क्षेत्र को पार्किंग सुविधा और अन्य उपयोगी संरचनाओं में बदला जाएगा।
- विस्तारीकरण योजना के तहत महाकाल मंदिर क्षेत्र को आधुनिक और सुविधा संपन्न बनाया जाएगा।
- प्रशासन का कहना है कि यह कार्य श्रद्धालुओं के हित में किया जा रहा है।
यह कार्रवाई उज्जैन के धार्मिक और पर्यटन महत्व को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसमें शामिल निवासियों की कठिनाइयों का समाधान सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए जरूरी होगा।