मध्य प्रदेश विधानसभा में किसानों का मुद्दा गूंजने के बाद सरकार हरकत में आ गई है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के नुकसान का तत्काल सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सर्वे के बाद तमाम जिलों के कलेक्टरों को आरबीसी 6(4) के तहत किसानों को राहत राशि वितरित करने के भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट निर्देश देते हुए अधिकारियों से कहा है कि ओलावृष्टि से प्रभावित कोई भी किसान सर्वे एवं राहत से नहीं छूटे, सभी किसानों को राहत राशि वितरित किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत किसानों को राहत प्रदान करने को कहा है.
बीते दिनों हुई ओलावृष्टि की घटना
बता दें कि बीते 11 से 14 फरवरी के बीच पूर्वी मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि होने के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हुई थी. इस दौरान बालाघाट, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, डिंडोरी, मंडला, सतना, सिंगरौली, पन्ना, अनूपपुर और छतरपुर की 34 तहसीलों के 343 गांव के करीब 3 हजार 701 किसानों की फसलों के प्रभावित होने की जानकारी मिली है. सीएम मोहन यादव ने ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का तत्काल सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि सरकार ने वर्ष 2023-24 में ओलावृष्टि प्रभावितों को 121 करोड़ रूपये की राशि वितरित की है.
विधानसभा में गूंजा था ओलावृष्टि का मुद्दा
दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस ने किसानों के मुद्दों को उठाया था. जिसमें हाल ही में हुए ओलावृष्टि की भी चर्चा हुई. इस मुद्दे पर सदन में जोरदार हंगामा भी हुआ. जिसके बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की फसलों का सर्वे करने का आदेश दिया.