मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य के कोने-कोने तक विकास को पहुंचने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। इसके साथ ही सीएम मोहन यादव प्रदेश के युवाओं के लिए करियर के द्वार भी तलाश रहे हैं। सीएम मोहन यादव सोमवार को मध्य प्रदेश ओलंपिक संघ द्वारा समन्वय भवन में आयोजित अभिनंदन समारोह पहुंचे। यहां संबोधन के दौरान उन्होंने खेल के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को देश में सबसे आगे ले जाने की बात कही है। सीएम मोहन यादव ने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाओं के साथ भविष्य में और अधिक सुविधाएं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में की बड़ी घोषणाएं…
▶️ मध्यप्रदेश ओलंपिक संघ को ₹11 लाख की राशि
▶️ सभी खेल संस्थाओं को दिया जाएगा अनुदान@DrMohanYadav51 pic.twitter.com/IkXVMY89Ie
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) February 19, 2024
सीएम मोहन यादव का संबोधन
संबोधन के दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश समेत पूरा देश खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। राज्य के खिलाड़ी कुश्ती और कबड्डी के अलावा बाकी सभी खेलों में भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में खेल ट्रेनर को प्रमोट करने का फैसला किया है। इसी के साथ सीएम ने ऐलान किया कि हर जिले में एक एक्सीलेंस कॉलेज बनाया जाएगा।
सीएम ने ओलिंपिक संघ को सीएम फंड से 11 लाख रुपए देने की घोषणा की
मुख्यमंत्री ने ओलिंपिक संघ को सीएम फंड से 11 लाख रुपए देने की घोषणा की। इस अवसर पर खेल मंत्री विश्वास सारंग और नगरीय विकास एवं आवास, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजय वर्गीय शामिल हुए।
खेल में आगे बढ़ेगा मध्य प्रदेश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगे कहा कि उन्हें विश्वास है कि नए खिलाड़ियों के जरिए से राज्य खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ जाएगा। मध्य प्रदेश के अंदर खेल के विकास की बहुत संभावनाएं हैं। पीएम मोदी ने नई शिक्षा नीति के पाठ्यक्रम में खेल को भी खास जगह दी है, जो एक बहुत ऐतिहासिक कदम है। भारत में खेल का महत्व सदियों पुराना है। अब वह जमाना आ गया है जब सभी खेलों में भारत पुरस्कार लेकर आ रहा है। वहीं देश में भी सभी प्रमोशन में खिलाड़ियों का ध्यान रखा जा रहा है।
सभ्य समाज की स्थापना के लिए खिलाड़ी और खेल मैदान जरूरी
खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि निश्चित रूप से खिलाड़ी और खेल मैदान किसी भी सभ्य समाज की स्थापना के लिए बहुत जरूरी है। खेल के माध्यम से ही समाज को जोड़ा गया है। उस समय की सरकारों ने नौकरी, शिक्षा, व्यवसाय को इस तरह से डिजाइन किया था कि लोगों को लगता था खेलों से करियर नहीं बनेगा। इसलिए कहावत चलती थी कि पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब। मगर अब बदलाव आया है और अब हम खेलों में भी हम जो नेतृत्व कर रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने कही ये बात
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जो जीता वही सिकंदर की लाइनों में, मैं थोड़ा सुधार करना चाहता हूं, जो जीता वो विनम्र। सिकंदर बन जाता है तो कालर खड़ी हो जाती है और इसके बाद कभी नहीं जीतता। इसलिए जब-जब जीत हासिल हो उतना विनम्र बनें।