मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिंदू छात्राओं को निशाना बनाकर दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग करने वाले मुस्लिम युवकों के गिरोह का भयावह चेहरा सामने आया है। मामले में बुधवार को बड़ा खुलासा हुआ। आरोपी फरहान छात्राओं के वीडियो पोर्न साइट्स पर बेचने की तैयारी में था। आरोपी अबरार और नबील ने उसे ऐसा करने के लिए कहा था, क्योंकि फरहान को इंदौर में रह रही छात्रा इग्नोर करने लगी थी। फरहान की तमाम धमकियों के बाद भी छात्रा उससे मिलने को राजी नहीं थी। वह उसके इंदौर स्थित घर में भी हंगामा कर चुका था। छात्रा और उसकी बहन को सबक सिखाने के लिए फरहान ने साथी अबरार और नबील के साथ प्लानिंग की। ये दोनों कॉलेज में उसके जूनियर रहे और बेहद विश्वसनीय थे।
ऐसे में अबरार और नबील ने फरहान को पोर्न साइट्स पर वीडियो बेचने का रास्ता बताया। इन दोनों ने ही अपने मोबाइल से ऑनलाइन पोर्न वीडियो बेचने की डील करने का तरीका सीखा। उन्हें भनक नहीं थी कि इस बीच उनकी शिकायत हो चुकी है। पुलिस गुपचुप तरीके से उनकी जांच कर रही है। 13 अप्रैल को जब फरहान की गिरफ्तारी की गई, तब अबरार और नबील भोपाल में थे। फरहान के पकड़े जाने की भनक लगते ही दोनों फरार हो गए। पूरे केस के पांचवे और छठवें नंबर के इन दोनों आरोपियों की भूमिका भी अहम हुआ करती थी। दोनों ही आरोपी लड़कियों को अपने कमरे में कभी पढ़ाई तो कभी पार्टी के नाम पर बुलाया करते थे। यहां पहले से फरहान व अन्य साथी मौजूद होते थे। कमरों के खास स्थानों में पहले ही मोबाइल वीडियो रिकार्डिंग के साथ सेट कर दिए जाते थे। पार्टी के नाम पर लाउड म्यूजिक के साथ गांजे से भरी सिगरेट लड़कियों को दी जाती थी।
पांचवीं पीड़िता सामने आई
मामले में मंगलवार को एक और सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता पुलिस के सामने आई, जिसने टीआईटी कॉलेज की अपनी सहपाठी के साथ हुई हैवानियत की दिल दहलाने वाली कहानी बयान की। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल से बरामद वीडियो के आधार पर पीड़िता तक पहुंचकर यह खुलासा किया। बुधवार तक तक इस गिरोह की शिकार पांच लड़कियां सामने आ चुकी हैं, जबकि छह अन्य के शिकार होने की आशंका है। पुलिस ने मुख्य आरोपित फरहान और साहिल को रिमांड पर लिया है, जबकि अली से पूछताछ जारी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) इंदौर तक साक्ष्य जुटाने पहुंचा।
पीड़िता का दोस्त था फरहान, की दरिंदगी
भोपाल के टीआईटी कॉलेज की एक छात्रा ने पुलिस को बताया कि मुख्य आरोपित फरहान उसका सहपाठी था। उसने दोस्ती का झांसा देकर उसे अशोका गार्डन थाना क्षेत्र के एक मकान पर बुलाया। वहां फरहान के साथ उसका दोस्त अली भी मौजूद था। दोनों ने मिलकर छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस हैवानियत का वीडियो भी बनाया। इसी वीडियो के जरिए पीड़िता को ब्लैकमेल किया जाता रहा। डर के साये में जी रही छात्रा तब सामने आई, जब पुलिस ने फरहान और अली की गिरफ्तारी के बाद उनके मोबाइल से यह वीडियो बरामद किया।
इस पूरे घटनाक्रम में कुछ चिंताजनक पहलू निम्नलिखित हैं:
1. संगठित आपराधिक नेटवर्क
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फरहान और उसके साथी केवल व्यक्तिगत अपराधी नहीं हैं, बल्कि एक ऑर्गनाइज्ड सिंडिकेट की तरह काम कर रहे थे—लड़कियों को जाल में फँसाना, वीडियो बनाना, पोर्न साइट्स पर बेचने की योजना बनाना।
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ये नेटवर्क भोपाल से इंदौर तक फैला था, जिसका खुलासा SIT की छानबीन में हुआ है।
2. डिजिटल प्लेटफॉर्म और साइबर अपराध
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वीडियो रिकॉर्डिंग, पोर्न साइट्स पर बिक्री, सोशल मीडिया के माध्यम से धमकियाँ—ये सब साइबर क्राइम के गंभीर रूप हैं। यह मामला साइबर अपराध के खिलाफ ठोस नीति और निगरानी तंत्र की आवश्यकता को दर्शाता है।
3. शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका
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यह चिंताजनक है कि टीआईटी कॉलेज जैसे संस्थान से आरोपी और पीड़ित दोनों जुड़े थे। यह सवाल उठता है कि क्या कॉलेज प्रबंधन को कभी इस गिरोह की गतिविधियों की भनक नहीं लगी?
4. राज्य सरकार और पुलिस की भूमिका
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मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री मोहन यादव की ओर से त्वरित कार्रवाई और SIT गठन सराहनीय है, पर यह स्पष्ट करता है कि शहरों में छात्राओं की सुरक्षा के लिए एक स्थायी सुरक्षा ढांचा नहीं है।
5. धार्मिक पहचान को लेकर बढ़ती संवेदनशीलता
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इस घटना में आरोपी मुस्लिम युवक हैं और पीड़िताएं हिंदू छात्राएं। इस वजह से मामला सामाजिक और सांप्रदायिक रूप से बेहद संवेदनशील हो गया है। इसे सांप्रदायिक रंग देने की बजाय कानून के अनुसार अपराध के रूप में ही निपटना जरूरी है, ताकि समाज में नफरत न फैले लेकिन न्याय सुनिश्चित हो।
भोपाल से इंदौर तक नेटवर्क
महिला पुलिस अधिकारियों की काउंसलिंग के बाद पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर बागसेवनिया थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसे अशोका गार्डन थाने में स्थानांतरित किया गया। इस गिरोह की दरिंदगी के सुबूत जुटाने के लिए भोपाल पुलिस की एसआईटी, एसीपी रजनीश कश्यप की अगुवाई में इंदौर पहुंची। एक पीड़िता ने अपनी शिकायत में इंदौर के एक मकान में दुष्कर्म का आरोप लगाया था। एसआईटी ने भंवरकुआं थाना क्षेत्र में छात्रा के कमरे की तलाशी ली और घटना से जुड़े साक्ष्य इकट्ठे किए। देर रात टीम भोपाल लौट आई। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह का नेटवर्क भोपाल से इंदौर तक फैला हुआ है, और जांच में और भी खुलासे हो सकते हैं।
जावेद और जोया पर गंभीर आरोप
बैरागढ़ और श्यामला हिल्स थानों में दर्ज दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के मामलों में बुधवार को एक और नाबालिग पीड़िता सामने आई। अरेरा हिल्स की इस पीड़िता ने आरोपी जावेद और जोया पर गंभीर आरोप लगाए। उसने बताया कि जावेद और जोया उसे दोस्ती और पैसे का लालच देकर बुलाते थे। ब्लैकमेल कर अन्य मुस्लिम युवकों के साथ संबंध बनाने का दबाव डालते थे। पीड़िता ने जावेद के अलावा अन्य आरोपियों के नाम भी पुलिस को बताए। पुलिस अब इन नामों की जांच कर रही है। काउंसलिंग के जरिए अन्य संभावित पीड़िताओं तक पहुंचने की कोशिश में है।
चार आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में अब तक चार आरोपियों फरहान, साहिल, अली और साद को गिरफ्तार किया है। फरहान और साहिल बागसेवनिया थाने की रिमांड में हैं, जबकि अली से अशोका गार्डन थाने में पूछताछ हो रही है। साद को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बुधवार को टीआईटी कॉलेज के पास सील किए गए एक रेस्टोरेंट पर क्राइम सीन का रिक्रिएशन भी किया, जहां आरोपियों से घटनाओं के बारे में पूछताछ की गई। पुलिस को फरहान के मोबाइल से 10-12 अन्य युवतियों के वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच साइबर फॉरेंसिक टीम कर रही है।
आगे की जरूरतें:
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फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चले और सख्त सज़ा दी जाए।
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सभी पीड़िताओं की पहचान गुप्त रखकर उनकी काउंसलिंग, पुनर्वास और सुरक्षा की व्यवस्था हो।
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शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सेल गठित किए जाएं।
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ऑनलाइन पोर्न ट्रैफिकिंग और ब्लैकमेलिंग पर नियंत्रण के लिए एक विशेष साइबर टास्क फोर्स बने।
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सभी कॉलेज परिसरों और उनके आसपास CCTV निगरानी और हेल्पलाइन नंबर अनिवार्य किए जाएं।
सीएम ने दिए कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षण संस्थानों में अपराध रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं। पुलिस इस संगठित गिरोह के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए गहन जांच कर रही है।