मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शुक्रवार रात को इंदौर के अभय प्रशाल सभागृह में आयोजित देवी अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती समारोह पहुंचे। यहां उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए देवी अहिल्याबाई होलकर की तुलना भारत माता से की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में देवी अहिल्याबाई होलकर के शानदार इतिहास को शामिल करवाया जाएगा। इसके लिए मोड़ी लिपी का हिन्दी में अनुवाद करवाया जाएगा।
सेवा, समर्पण और त्याग की प्रतिमूर्ति लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी की जयंती के अवसर पर इंदौर के अभय प्रशाल में आयोजित लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह में सहभागिता की और विचार साझा किये। मध्यप्रदेश सरकार भी देवी अहिल्याबाई जी के समानता के मंत्र को आत्मसात करते हुए… pic.twitter.com/LVxoIwvcwF
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) May 31, 2024
शिक्षा नीति में देवी अहिल्याबाई होलकर का इतिहास
कार्यक्रम को संबोधित में सीएम मोहन यादव ने कहा कि हम लोगों ने भारत माता को देखा नहीं है, बस उनकी कल्पना की है। लेकिन जिसने मां अहिल्या को देखा होगा वो भारत माता के आंचल को महसूस कर सकता है। सिर्फ देवी अहिल्या माता के कारण ही आज लोगों को बनारस का आनंद, बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद और काशी विश्वनाथ में रामेश्वरम जल का जलाभिषेक महसूस करने को मिल रहा है। इन सब की शुरुआत देवी अहिल्या माता ने की थी। मां अहिल्या की सेना ने दिल्ली के रायसिना गांव पर भी जीत का झंडा गाड़ा था। जहां अभी फिलहाल राष्ट्रपति भवन मौजूद है। बच्चों के बीच देवी अहिल्याबाई होलकर के शानदार इतिहास को पहुंचाने के लिए, इसे शिक्षा नीति में भी शामिल करवाया जाएगा। इसके लिए मोड़ी लिपी का हिन्दी में अनुवाद करवाया जाएगा।
देवी अहिल्याबाई होलकर का आदर्श शासन
मीडिया से बात करते हुए भी सीएम मोहन यादव ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि मध्य प्रदेश के होलकर स्टेट से माता अहिल्या ने शासन सूत्र चलाया। उन्होंने जिस तरह अपने शासन के जरिए हमारी संस्कृतिक धारा और सनातन धर्म का उस काल में न केवल जीवनोद्धार कराया बल्कि नदी घाट, धर्मशालाएं और अन्य क्षेत्रों का निर्माण करवाया। यह सब उन्हें आदर्श बनाने के लिए मजबूर करता है। उन्होंने अपने 28 साल के शासनकाल में मानव जीवन के लिए समर्पित होकर काम किया और एक आदर्श जीवन जिया है।