राजस्थान में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को लेकर हिंदू संगठनों और प्रशासन की सतर्कता बढ़ रही है। भरतपुर और बाँसवाड़ा के बाद अब सिरोही जिले के रेवदर तहसील में जनजातीय समाज के लोगों का कथित रूप से ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराने की कोशिश का मामला सामने आया है।
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार (6 मार्च 2025) की रात करोटी गाँव में अनवर नागौरी के कुएँ पर एक चंगाई सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें 150 से अधिक जनजातीय समाज के लोगों, विशेषकर महिलाओं को बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि इस सभा में धर्म परिवर्तन का प्रयास किया जा रहा था।
सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुँचे और आयोजन करने वालों से सवाल-जवाब करने लगे। इस दौरान कार्यक्रम में शामिल लोगों ने दावा किया कि वे बीमारियों को दूर करने के लिए प्रार्थना कर रहे थे और उन्हें किसी कानून का डर नहीं है।
पुलिस कार्रवाई और हिरासत
घटनास्थल पर पुलिस के पहुँचने के बाद चार आरोपितों को हिरासत में लिया गया, जबकि एक व्यक्ति मौके से फरार हो गया। पुलिस ने इन लोगों के पास से बाइबिल और ईसाई धर्म से संबंधित अन्य पुस्तकें भी बरामद की हैं।
गिरफ्तार लोगों की पहचान:
- गजेंद्र खराड़ी (निचली सिगरी)
- ललित (करेल, उदयपुर)
- लंकेश (करेल, उदयपुर)
- भारमा राम (झामर, आबूरोड)
स्थानीय प्रतिक्रिया और विरोध
गिरफ्तारी के बाद जनजातीय समाज के लोग पुलिस थाने के बाहर इकट्ठा होकर विरोध करने लगे। वे गिरफ्तार लोगों को छोड़ने की माँग कर रहे थे और कह रहे थे कि उनकी रोज़ी-रोटी इन्हीं लोगों पर निर्भर है।
एक वीडियो में एक महिला कहती दिखी, “हमारे घर के लोग पहले शराब पीकर नाली में पड़े रहते थे, तब किसी ने हमारी मदद नहीं की। अब जब वे प्रभु की कृपा से सुधर गए हैं, तो आप हमें रोकने आ रहे हैं?”
बढ़ती घटनाओं पर चिंता
राजस्थान में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को लेकर हिंदू संगठनों की सतर्कता बढ़ी है। राज्य में हाल ही में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करने की माँग भी उठाई जा रही है। वहीं, पुलिस प्रशासन इन मामलों में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दे रहा है।
आगे की संभावित कार्रवाई
- पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपितों से पूछताछ जारी है।
- फरार आरोपित की तलाश की जा रही है।
- धर्मांतरण रोकने के लिए प्रशासन और अधिक सतर्कता बरतेगा।
- हिंदू संगठनों द्वारा इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन की संभावना।
राजस्थान में धर्मांतरण का यह मामला एक नई बहस को जन्म दे रहा है। क्या राज्य सरकार इस पर कोई सख्त कदम उठाएगी? यह देखना महत्वपूर्ण होगा।