पाकिस्तान में स्थित सिखों के पवित्र स्थान करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में बेअदबी का मामला सामने आया है। गुरुद्वारे के भीतर पार्टी का आयोजन किया गया और माँस-मछली खाया गया। इसके पश्चात गुरूद्वारे में नाच गाना भी हुआ।
भाजपा नेता और दिल्ली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धन कमिटी के पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह जानकारी एक्स (पहले ट्विटर) पर दी है। उनका कहना है कि गुरुद्वारे के अंदर यह कार्यक्रम 18 नवम्बर को आयोजित हुआ।
I strongly condemn the sacrilegious incident involving alcohol and meat consumption within the sacred premises of Gurudwara Sri Kartarpur Sahib. It's particularly disheartening that the Kartarpur Gurdwara committee administration was involved in this.
Urgently calling… pic.twitter.com/BK5WGr7wdH
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) November 19, 2023
सिरसा ने बताया कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की प्रबन्धन समिति PMU (Project Management Unit) के अध्यक्ष सैयद अबू बकर कुरैशी ने गुरुद्वारे के भीतर 18 नवम्बर पार्टी का आयोजन किया जिसमें माँस परोसा गया। इस पार्टी में 80 लोग शामिल हुए जिसमें नारोवाल जिले (जहाँ यह गुरुद्वारा स्थापित है) के जिलाधिकारी मोहम्मद शाहरुख और पुलिस अधिकारी भी थे।
इस पार्टी के दौरान माँस परोसने के लिए अलावा नाच गाना भी हुआ। सिरसा का कहना है कि पूरी दुनिया में रहने वाला सिख समुदाय इससे व्यथित है। उन्होंने पाकिस्तान की सरकार से इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की माँग की है। उन्होंने इस बेअदबी की निंदा भी की है।
इस मामले पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमिटी, जो कि पूरे देश में गुरुद्वारों का प्रबन्धन करने वाली सबसे बड़ी संस्था है, के प्रवक्ता गुरुचरण ग्रेवाल ने बयान जारी किया है। उन्होंने इस बेअदबी की घटना को दुखद बताते हुए पाकिस्तान की सरकार से कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के जत्थेदार से भी इस मामले पर रुख स्पष्ट करने की अपील की है।
इस मामले में यह जानकारी भी सामने आई है कि इस कार्यक्रम का आयोजन पाकिस्तान रेंजर्स ने किया था। इस कार्यक्रम में करतारपुर साहिब के ग्रंथी भी शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम करतारपुर PMU के क्षेत्र में किया गया। यह गुरुद्वारे का ही इलाका है। जहाँ कार्यक्रम आयोजित किया गया वहाँ पर चेकपॉइंट है।
इस मामले में यह जानकारी भी सामने आई है कि इस कार्यक्रम का आयोजन पाकिस्तान रेंजर्स ने किया था। इस कार्यक्रम में करतारपुर साहिब के ग्रंथी भी शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम करतारपुर PMU के क्षेत्र में किया गया। यह गुरुद्वारे का ही इलाका है। जहाँ कार्यक्रम आयोजित किया गया वहाँ पर चेकपॉइंट है।
#WATCH | On BJP leader Manjinder Singh Sirsa's claims that a dance party was held on the premises of Kartarpur Sahib Gurudwara, SGPC spokesperson Gurcharan Singh Grewal says, "The entire Sikh community condemns this shameful incident. Pakistan government should take action in… pic.twitter.com/oJlkw7yseD
— ANI (@ANI) November 20, 2023
गौरतलब है कि करतारपुर साहिब, भारत की सीमा के काफी निकट पाकिस्तानी पंजाब के नरोवाल जिले में स्थित है। यह गुरुद्वारा सिखों के लिए काफी पवित्र जगह है, इस गुरुद्वारे की स्थापना सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरुनानक देव ने की थी, यह गुरुद्वारा रावी नदी के तट पर है।
अगस्त 2022 में भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि करतारपुर कॉरिडोर में काम करने वाले कर्मचारियों ने गुरुद्वारे के भीतर माँस खाया और शराब पी। उन्होंने यहाँ नाच गाने का आयोजन भी किया।
करतारपुर साहिब जाने के लिए भारतीयों को वीजा की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके लिए भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ था। इसके अंतर्गत करतारपुर साहिब कॉरिडोर की स्थापना की गई थी। इस कॉरिडोर को नवम्बर 2019 में श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था।
A video surfaced on social media about a party hosted by Pakistan Rangers near #GurdwaraKartarpur causing various speculations.
– Pakistan Rangers had a social event on Saturday near the Kartarpur Corridor, attended by the granthi of Gurdwrara Darbar Sahib, Kartarpur and… pic.twitter.com/IUvc8e1irB
— Ravinder Singh Robin ਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ رویندرسنگھ روبن (@rsrobin1) November 20, 2023
गौरतलब है कि इस कॉरिडोर की देखरेख करतारपुर PMU करती है। इसका अध्यक्ष एक मुस्लिम को बनाया गया है। सैयद अबू बकर इस करतारपुर PMU के अध्यक्ष हैं। जिनकी नियुक्ति पर भी प्रश्न उठे थे कि एक सिख धर्मस्थल का अध्यक्ष मुस्लिम को कैसे बनाया जा सकता है।
लोग यह भी प्रश्न उठा रहे हैं कि दिन भर सिखों के लिए बोलने का दावा करने वाले पन्नू जैसे खालिस्तानी अब करतारपुर साहिब पर क्यों चुप हैं? क्या वह इस बेअदबी को सही मानते हैं जो उन्होंने कोई बयान जारी नहीं किया है।