गुरुग्राम बम हमला मामला: गोल्डी बरार सहित पांच लोगों के खिलाफ NIA की चार्जशीट, खालिस्तानी साजिश का पर्दाफाश
हरियाणा के गुरुग्राम में वर्ष 2024 में दो प्रमुख नाइट क्लबों—वेयरहाउस क्लब और ह्यूमन क्लब—पर हुए बम हमलों की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादी गोल्डी बरार सहित पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह हमला प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य हरियाणा और उसके आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा फैलाना था।
NIA ने जिन पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है, उनमें गोल्डी बरार, सचिन तालियान, अंकित, भाविश, और अमेरिका में स्थित रणदीप सिंह उर्फ रणदीप मलिक शामिल हैं। इनमें से गोल्डी बरार और रणदीप मलिक अभी फरार हैं, जबकि शेष आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
NIA की जांच में यह सामने आया है कि 10 दिसंबर 2024 को हुए इन हमलों की योजना खालिस्तानी नेटवर्क द्वारा बनाई गई थी। इस हमले में BKI के कैडर शामिल थे, जिन्होंने क्लब मालिकों को पहले धमकाया और फिर जब उनकी धमकियों का असर नहीं हुआ, तो ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले के तुरंत बाद कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इस पूरे मामले में आतंक और अपराध के गठजोड़ की गहरी भूमिका थी।
NIA के अनुसार, यह आतंकी गिरोह न सिर्फ भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा बना हुआ है, बल्कि यह गिरोह धन उगाही, आतंकी फंडिंग, हथियारों की खरीद-फरोख्त और आम नागरिकों में डर फैलाने जैसे कृत्यों में भी लिप्त है। इस गिरोह की सक्रियता भारत की आर्थिक सुरक्षा को भी प्रभावित करने की साजिश का हिस्सा है।
अप्रैल 2025 में, NIA ने इस मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आठ स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई, जिससे साजिश की परतें खुलती चली गईं।
इस पूरे मामले में कनाडा और अमेरिका में बैठे खालिस्तानी तत्वों की संलिप्तता, भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। साथ ही, यह मामला आतंकवाद और संगठित अपराध के गठजोड़ को उजागर करता है, जो भारत की आंतरिक शांति और सुरक्षा को कमजोर करने में लगा हुआ है। NIA की चार्जशीट से यह स्पष्ट होता है कि अब भारत ऐसे खतरों के प्रति सतर्क है और उन्हें कानूनी रूप से शिकंजे में लेने की दिशा में तेज़ी से काम कर रहा है।