मणिपुर में कमोबेश 6 महीने से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. बीच में सुधार के दावे भी किए गए लेकिन हालात कथित रूप से फिर खराब हो गए हैं. इस बीच सरकार ‘एक फोर्स, एक जिला’ की नीति अपनाने की दिशा में काम कर रही है. सरकार मान रही है कि इससे जवानों के बीच कोऑर्डिनेशन बनाने में मदद मिलेगी और हिंसा को काबू करना आसान होगा. हालिया हिंसाओं को देखते हुए सरकार ने मणिपुर में कई क्षेत्रों को अशांत घोषित कर दिया है. हालात खराब होने की वजह से इंटरनेट पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
अगर सरकार ‘एक फोर्स, एक जिला’ की नीति के साथ आगे बढ़ती है तो पैरामिलिट्री फोर्स की एक टुकड़ी को एक जिले की जिम्मेदारी दी जाएगी. इससे जवाबदेही भी तय किया जा सकेगा और फोर्सेज के बीच संभावित विवादों को कम करना आसान होगा. इस बीच जिले में सभी होने वाली घटनाओं के लिए भी संबंधित टुकड़ी ही जिम्मेदार होगी. इंफाल में गुरुवात को भी हिंसा जारी है. इंफाल वेस्ट में एक उग्र भीड़ ने डीसी कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो वाहनों में आग लगा दी. जुलाई महीने में एक लड़का और एक लड़की स्टूडेंट्स लापता हो गए थे. बाद में उनके शव मिले जो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए. इसके बाद से ही यहां हालात खराब हैं.
राज्य में सबसे ज्यादा सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं और इस लिहाज से माना जा रहा है कि सीआरपीएफ को एक से ज्यादा जिले में तैनात किया जा सकता है. सभी पैरामिलिट्री फोर्सेज राज्य की पुलिस के साथ तालमेल बनाकर काम करेंगी. हालांकि, इस नीति के इस संबंध में फिलहाल कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह नीति लागू की जा सकती है.
अतिरिक्त फोर्सेज की मांग, इंटरनेट पर भी पाबंदी
मणिपुर में सरकार ने कई क्षेत्रों को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है. वहीं तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए इंटरनेट पर भी बैन लगा दी गई है. हिंसा की घटनाओं में कमी आने के बाद हाल ही में सरकार ने 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी थीं. मणिपुर गृह विभाग की मानें तो मणिपुर के राज्यपाल ने और भी सशस्त्र बलों की मांग रखी है.
मणिपुर के कई क्षेत्र अशांत घोषित
इंफाल, लाम्फेल सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लामासांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइंगांग, लामलाई, इरिलबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, काकचिंग और जिरीबाम के इलाके शामिल हैं, जहां राज्यपाल ने अतिरिक्त बल तैनात करने की मांग की मांग की है. हालांकि, राज्य के 19 पुलिस स्टेशन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां बताया जा रहा है कि शांति है, जिन्हें अशांत क्षेत्र की लिस्ट से बाहर रखा गया है.