मुहर्रम के ताजिया जुलूस के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस ने मालदा जिले के कालियाचक स्थित एक दुर्गा मंदिर को चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर ढक दिया है। आरोप है कि यहां हिंदुओं को पूजा करने से भी रोक दिया गया था। इसको लेकर भाजपा ने सवाल खड़ा किया है। पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा है कि क्या यही आपका सेकुलरिज्म है?
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने उस मंदिर की तस्वीर ट्विटर पर डाली है और लिखा है, “यह चौंकाने वाला दृश्य मालदा जिले के कालियाचक से सामने आया है। यहां मुहर्रम की पूर्व संध्या पर एक दुर्गा मंदिर को पुलिस ने अवरुद्ध (बैरिकेड) कर दिया है। मुझे यकीन है कि उस क्षेत्र की कोई भी मुहर्रम आयोजन समिति ऐसे कदम की मांग नहीं कर सकती थी, जिससे सनातनियों को ठेस पहुंचे। यह विशुद्ध रूप से पश्चिम बंगाल पुलिस की “अतिसक्रियता” है। ममता बनर्जी के शब्दकोश में “धर्मनिरपेक्षता” “वोट बैंक की राजनीति” का पर्याय है। यही कारण है कि उनका प्रशासन धार्मिक त्योहारों के दौरान “अतिसक्रियता विकार” से ग्रस्त हो जाता है और वे आम तौर पर कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिससे सनातनियों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। ममता जान-बूझकर क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए दोनों समुदायों के बीच बैरिकेड्स बना रही हैं और मतभेद पैदा कर रही हैं। वह दो समुदायों के बीच कलह पैदा करने और सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं। मैं मुख्य सचिव से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे तुरंत हस्तक्षेप करें और दुर्गा मंदिर के प्रवेश द्वार से बैरिकेड हटा दें।”
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा, “पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुहर्रम की पूर्व संध्या पर कालियाचक में दुर्गा मंदिर पर नाकेबंदी कर दी। यह ममता की धर्मनिरपेक्षता का ब्रांड है, जो हिंदुओं को अपमानित और बदनाम करता है, जो उनके प्रशासन के तहत दोयम दर्जे के नागरिक बनकर रह गए हैं। यह कानून-व्यवस्था संभालने में उनकी अक्षमता को भी दर्शाता है। मुख्यमंत्री का ऐसा पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण, सामाजिक एकजुटता को तोड़ता है। उनकी राजनीति इसी पर पनपती है।”