आम आदमी दिन-रात मेहनत करके अपनी खून-पसीने की कमाई का एक हिस्सा पीएफ खाते में जमा करता है. ताकि बुढ़ापे में रिटायरमेंट के बाद उसका जीवन ठीक से गुजर सके. उसे भरोसा रहता है कि उसका पैसा सुरक्षित रहेगा क्योंकि इसकी देखभाल एक सरकारी संस्थान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) करता है. लेकिन अब ईपीएफओ के इस फैसले के बाद आपका ये पैसा क्या सच में सुरक्षित रहेगा ?
ईपीएफओ के पास देश के करीब 6 करोड़ लोगों के पीएफ खाते में जमा पैसा है. ईपीएफओ इसे अलग-अलग जगह निवेश करके इस पर ब्याज कमाती है और फिर उसे ही अपने कंट्रीब्यूटर्स के बीच बांटती है. इसका कुछ हिस्सा ईपीएफओ शेयर मार्केट में भी इंवेस्ट करती है. हालांकि शेयर बाजार में निवेश को जोखिम भरा माना जाता है. अब ईपीएफओ शेयर बाजार में अपना निवेश पहले से ज्यादा बढ़ाने जा रही है.
ईपीएफओ स्टॉक मार्केट में अपना निवेश बढ़ाने पर विचार कर रही है. साथ ही एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के माध्यम से जमा किए गए पैसे को इक्विटी और अन्य ऑप्शन में दोबारा इंवेस्ट भी कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईपीएफओ बहुत जल्द इस संबंध में वित्त मंत्रालय से क्लीयरेंस मांगेगी, ताकि वह मैक्सिमम रिटर्न हासिल कर सके.
इस संबंध में ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने मार्च के आखिरी हफ्ते में ही पारित कर दिया दिया था. मार्च में हुई बैठक के मिनट्स में भी इसका जिक्र है. मिनट्स के मुताबिक ईपीएफओ चाहती है कि ईटीएफ में किए गए पैसे को अब इक्विटी या अन्य संबंधित ऑप्शन में निवेश कर दिया जाए. ऐसा करने से ईपीएफओ का शेयर बाजार में डायरेक्ट निवेश बढ़ जाएगा और ये शेयर में निवेश की 15 प्रतिशत लिमिट को छू लेगा.
ईपीएफओ अपने फंड्स को वित्त मंत्रालय के पैटर्न के हिसाब से निवेश करता है. मौजूदा समय में ईपीएफओ अपने हर साल बढ़ने वाले डिपॉजिट का 5 से 15 प्रतिशत तक ही ईटीएफ के माध्यम से इक्विटी में निवेश कर सकता है. बाकी पैसा उसे डेट सिक्योरिटीज में लगाना होता है. ईटीएफ को रिडीम कर आने वाले पैसे को कैसे उपयोग में लाया जाए इसे लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है.
ईपीएफओ का कहना है कि जनवरी 2023 के आंकड़ों के हिसाब से एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड का मात्र 10 प्रतिशत ही इक्विटी में निवेश किया गया है. जबकि उसके पास 15 प्रतिशत तक फंड को इक्विटी में निवेश करने की अनुमति है. ईपीएफओ ने ईटीएफ के माध्यम से इक्विटी में निवेश का काम 2015-16 से शुरूकिया था.
31 मार्च 2022 के आंकड़ों के हिसाब से ईपीएफओ ने ईटीएफ में 1,01,712.44 करोड़ रुपनये का कुल निवेश किया है. ये उसके कुल निवेश 11,00,953.55 करोड़ का 9.24 प्रतिशत है.
हालांकि ईपीएफओ इससे अपना रिटर्न मैक्सिमाइज होने की उम्मीद है. वहीं कई एक्सपर्ट का मानना है कि ईपीएफओ का ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब शेयर बाजार में अस्थिरता का दौर है, और ऐसे अस्थिर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है. ये लोगों की कड़ी मेहनत के पैसे को ‘खतरे’ में डालने जैसा है.