गाजीपुर जिले में गो तस्करी और पशु तस्करों के खिलाफ एक व्यापक और सख्त कार्रवाई शुरू की गई है। पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा के निर्देशन में जिले की पुलिस ने 40 टीमों का गठन किया, जिनके नेतृत्व में संबंधित क्षेत्राधिकारियों यानी सीओ और एसओ ने 40 कुख्यात गो तस्करों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। इस छापामारी के दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है ताकि तस्करों के नेटवर्क और उनके साथ जुड़ी गुत्थियों को सुलझाया जा सके। पुलिस ने गो तस्करों को चिन्हित कर उनकी हिस्ट्रीशीट भी खोलने की तैयारी कर ली है ताकि उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सके। इस कार्रवाई में एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम), गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमें दर्ज करने के साथ-साथ तस्करों की अवैध संपत्ति जब्त करने की योजना है।
डॉ. ईरज राजा ने बताया कि तस्करी मुख्यतः नदी मार्ग से की जा रही थी, जहां गोवंश को गाजीपुर जिले की सीमा से सटे बिहार के विभिन्न जिलों में ले जाया जाता था। जिले की सीमा में लगभग 105 किलोमीटर लंबा नदी किनारा है, जो गंगा नदी से होकर बिहार से जुड़ा है। इसी कारण नदी मार्ग से होने वाली गो तस्करी को रोकने के लिए पुलिस ने नाव से पेट्रोलिंग शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा पुलिस अब नाइट विजन और ड्रोन सर्विलांस तकनीक का इस्तेमाल भी करेगी, ताकि रात के अंधेरे में होने वाली तस्करी पर प्रभावी नजर रखी जा सके। इन ड्रोन की मदद से संभावित तस्करी वाले हॉटस्पॉटों की भी पहचान की गई है, जहां विशेष रूप से नजर रखी जाएगी।
पुलिस की इन 40 टीमों ने न सिर्फ गाजीपुर जिले के अंदर, बल्कि जिले से सटे पड़ोसी जिलों जैसे चंदौली, बक्सर, कैमूर, आजमगढ़, मऊ, बलिया और वाराणसी की सीमाओं पर भी संभावित तस्करी की गतिविधियों की जांच के लिए ड्रोन सर्वे और वीडियोग्राफी कराई है। इस व्यापक निगरानी अभियान का मकसद नदी मार्ग से हो रही तस्करी की पूरी श्रृंखला को तोड़ना और तस्करों के नेटवर्क को बर्बाद करना है। साथ ही, हिरासत में लिए गए संदिग्धों के मोबाइल कॉल डिटेल्स को भी खंगाला जा रहा है ताकि और तस्करों और उनके ठिकानों की जानकारी मिल सके और कार्रवाई और तेज हो सके।
यह कार्रवाई गाजीपुर पुलिस की गो तस्करी और पशु तस्करों के विरुद्ध कड़ी सख्ती का संकेत है, जिसमें आधुनिक तकनीक और कड़े कानूनों का इस्तेमाल करके तस्करी को जड़ से खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे न केवल गोवंश की अवैध तस्करी रोकी जाएगी बल्कि इस क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति भी मजबूत होगी।