यूपी में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश में संचालित वन स्टॉप सेंटर योजना का विस्तार करते हुए सरकार अब 17 नई यूनिट्स की स्थापना करने जा रही है. यह पहल हिंसा से पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता और समग्र समर्थन प्रदान करने की दिशा में एक अहम प्रयास है.
वर्तमान में प्रदेश के 75 जिलों में 79 वन स्टॉप सेंटर सक्रिय हैं. इन केंद्रों के माध्यम से अब तक 2.10 लाख से अधिक पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को मदद पहुंचाई जा चुकी है. अब सरकार की योजना लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर समेत कुल 13 जिलों में 17 नए सेंटर खोलने की है.
वन स्टॉप सेंटर योजना की शुरुआत वर्ष 2015-16 में केंद्र सरकार की शत-प्रतिशत वित्तपोषित योजना के रूप में हुई थी. वर्ष 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में इस योजना को नई गति मिली. महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित इन केंद्रों पर पीड़ित महिलाओं को अल्पकालिक आश्रय, चिकित्सा, परामर्श, विधिक और पुलिस सहायता जैसी सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाती हैं.
इन जिलों में स्थापित किए जा रहे हैं नए वन स्टॉप सेंटर
भारत सरकार की मंजूरी के बाद जिन जिलों में नए वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं, उनमें लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और लखीमपुर खीरी में दो-दो यूनिट्स शामिल हैं. वहीं बरेली, कानपुर नगर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, झांसी, आगरा और बिजनौर में एक-एक केंद्र खोले जाएंगे.
हर वन स्टॉप सेंटर पर होगी एक आकस्मिक सेवा वाहन की भी व्यवस्था
फरवरी 2025 से हर वन स्टॉप सेंटर पर एक आकस्मिक सेवा वाहन की भी व्यवस्था की जा रही है. यह सुविधा आपात स्थिति में पीड़ितों तक त्वरित सहायता पहुंचाने में बेहद कारगर साबित होगी.अब तक 2.10 लाख से अधिक महिलाओं और बालिकाओं को इन केंद्रों से मदद मिल चुकी है. यह केंद्र न केवल राहत प्रदान करते हैं, बल्कि पुनर्वास और सामाजिक पुनःस्थापन में भी सहायक बन रहे हैं.