प्रयागराज में आयोजित धर्म संसद के मंच पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों, वक्फ बोर्ड की जमीनों के विवाद और गंगा के महत्व पर अपने विचार स्पष्टता और दृढ़ता के साथ प्रस्तुत किए। उन्होंने महाकुंभ को भारत की हजारों वर्षों की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक बताया और कहा कि इस आयोजन को किसी भी विवाद से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
1. वक्फ बोर्ड पर टिप्पणी:
- भूमि विवाद:
सीएम योगी ने वक्फ बोर्ड द्वारा जमीनों पर दावा करने की प्रक्रिया को “भूमाफियाओं की प्रवृत्ति” बताया।
उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से कुंभ के आयोजन स्थल पर किसी तरह का सरकारी सहयोग न होने के बावजूद यह पवित्र आयोजन होता आया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि कैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की भूमि पर वक्फ बोर्ड का दावा किया जा सकता है। - सरकार की कार्रवाई:
सीएम योगी ने बताया कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए संशोधन किए हैं कि वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा की गई जमीनों के पुराने रिकॉर्ड (1363 फसली तक) की जांच की जाए।
उन्होंने वादा किया कि हिंदू धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक उपयोग की जमीनों और सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड के कब्जे को समाप्त किया जाएगा।
2. महाकुंभ की तैयारियां:
- दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर:
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर बताया, जिसमें 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि कुंभ भारत की विविधता और एकता का प्रतीक है, जहां लोग जाति और मतभेदों से ऊपर उठकर संगम में डुबकी लगाते हैं। - साधु-संतों के लिए भूमि:
सीएम योगी ने यह भी कहा कि कुंभ क्षेत्र की भूमि साधु-संतों और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित रखी जाएगी और इसमें किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
3. गंगा के जल की गुणवत्ता:
- सीएम योगी ने दावा किया कि प्रयागराज में गंगा का पानी अब पूरी तरह स्नान के योग्य है। उन्होंने कहा कि गंगा सफाई के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं, और इसका परिणाम आने वाले महाकुंभ में साफ नजर आएगा।
4. महाकुंभ का सांस्कृतिक महत्व:
- सीएम योगी ने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि भारत के “श्रेष्ठ भारत” की भावना को भी प्रकट करता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों और उससे जुड़े विवादों पर अपने विचार स्पष्ट कर दिए। उन्होंने वक्फ बोर्ड द्वारा जमीनों पर दावा करने की प्रक्रिया पर सख्त कार्रवाई की बात कही और महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक विरासत का केंद्र बताया। उनका यह दृष्टिकोण धार्मिक आस्था के सम्मान और कानूनी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने का संदेश देता है।