कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी गेट से आगे रिंगोड़ा में बनी अवैध मजार को वन विभाग ने हटा दिया। मजार टिहरी मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी हुई थी। इसे हटाने से पूर्व, यहां के खादिम को वन विभाग ने भूमि स्वामित्व के दस्तावेज दिखाने के लिए पर्याप्त समय भी दिया, लेकिन वह कोई साक्ष्य नहीं दे सके। रामनगर फॉरेस्ट डिवीजन में बनी ये अवैध मजार पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हटाई गई। मजार हटाने के दौरान वहां कोई मानव अवशेष नहीं मिले। ये वो क्षेत्र है जो कि कॉर्बेट पार्क के बिजरानी जोन के दस मीटर की दूरी पर है और यहां बाघों और अन्य वन्यजीवों का कोसी नदी तक आना-जाना रहता है।
मानव वनजीव संघर्ष का खतरा यहां हमेशा बना रहता है। इसी के मद्देनजर वन विभाग ने यहां से मजार हटाने का निर्णय लिया था और इस बारे में खादिम को डीएफओ ने दो माह पहले ही लिखित नोटिस दिया था। उनसे इसके भूमि दस्तावेज मांगे गए, इस बारे में खादिम द्वारा वन संरक्षक कुमायूं के यहां भी अर्जी दी गई किंतु वहां भी वो प्रपत्र नही दे सके। वन संरक्षक द्वारा उन्हें दो हफ्ते का समय देकर स्वयं ही यहां से अतिक्रमण हटाने को कहा था किंतु उनके द्वारा नहीं हटाने पर आज सुबह ही मजार को हटा दिया गया।
उत्तराखंड में अभी तक तीन हजार एकड़ वन भूमि और पांच सौ से ज्यादा अवैध धार्मिक-मजहबी अतिक्रमण जंगल से हटाए जा चुके हैं। नोडल अधिकारी पराग धकाते के अनुसार सीएम धामी के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने का अभियान लगातार जारी है। कुछ दिनों में अभियान और गति पकड़ेगा।