उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर इलाके में पटाखा कारखाना में हुए विस्फोट की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। पता चला है कि यहां केवल बम बनाने के लिए बारूद ही नहीं बल्कि बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट भी एकत्रित करके रखा गया था। यहां पटाखे नहीं बल्कि खतरनाक बम बनाए जाते थे जिनकी तस्करी के लिए भी अजीबोगरीब उपाय अपनाए गए थे। आलू प्याज और अन्य सब्जियों में छुपाकर इन बमों की तस्करी होती थी। इन्हें कहां पहुंचाया जाता था इस बारे में जांच हो रही है। पता चला है कि राजनीतिक हिंसा और अन्य आपराधिक वारदात के लिए इनका इस्तेमाल होता था। खास बात यह है कि कुछ महीना पहले जब एगरा में ब्लास्ट हुआ था तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरे राज्य में पुलिस को ऐसे अवैध कारखानों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था, लेकिन यहां पुलिस फटकने तक नहीं आई थी। आरोप है कि हर महीने पुलिस को बड़ी राशि पहुंचा दी जाती थी। उस पर कारखाने का मालिक स्थानीय तृणमूल नेता था इसलिए प्रशासन ने पूरी तरह से आंख बंद कर रखा था।
बारासात जिला पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखर्जी ने कहा है कि जांच शुरू हुई है। एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। नमूने संग्रह किया जा रहे हैं। यहां पटाखे ही बनाए जाते थे। हालांकि जब उनसे अमोनियम नाइट्रेट की मौजूदगी के बारे में पूछा गया तो वह सवाल को टाल गए। उन्होंने यह भी बताया कि इस पटाखा कारखाना से एक किलोमीटर के दायरे में एक और कारखाना मिला है जिसे सील किया गया है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण बंगाल के एडीजी सिद्ध नाथ गुप्ता ने भी घटनास्थल का दौरा किया है। हालांकि मामले में अभी तक केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हो सकी है।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी भी मौके पर पहुंचे थे। इन्होने स्थानीय लोगों से बात कर हालात का जायजा लिया है। इसके बाद तीनों ने यहां प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाते हुए ममता सरकार पर ऐसे अपराधों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।