भारत और पाकिस्तान ने श्रीकरतारपुर साहिब कॉरिडोर पर अगले पांच साल के लिए समझौते को रिन्यू किया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करके ये जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार हमारे सिख समुदाय को उनके पवित्र स्थलों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करना जारी रखेगी.
इसके तहत भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित दरबार साहेब के दर्शन करने जा सकते हैं. माना जाता है कि गुरुनानक देव ने यहां अपने जीवन के 18 साल बिताए हैं.
पांच साल के लिए फिर हुआ समझौता
दरअसल भारत-पाकिस्तान के बीच श्रीकरतारपुर कॉरिडोर पर समझौता पांच साल के रिन्यू हो गया है. समझौते के तहत भारतीय मूल के सभी तीर्थयात्री कॉरिडोर का उपयोग कर सकते हैं. बता दें, यह यात्रा वीजा मुक्त होती है. इसके लिए तीर्थयात्रियों को केवल एक वैध पासपोर्ट ले जाना होता है. यह कॉरिडोर सुबह से शाम तक खुलता है और तीर्थयात्रियों को उसी दिन वापस लौटना होता है.
India and Pakistan have renewed the agreement on Sri Kartarpur Sahib Corridor for the next five years.
PM @narendramodi’s government will continue to facilitate our Sikh community’s access to their holy sites.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 22, 2024
जीवन के अंतिम 18 साल
बताया जाता है कि करतारपुर गांव में गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल बिताए थे. भारतीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक रावी नदी के पूर्वी तट पर स्थित है. वहीं नदी के पश्चिमी किनारे पर पाकिस्तान का करतारपुर बसा है. गुरुद्वारा श्रीकरतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में पड़ता है. जो पंजाब के गुरदासपुर जिले के ऐतिहासिक शहर डेरा बाबा नानक के पास इंटरनेशनल बॉर्डर से लगभग 4.5 किमी दूर है.
क्या है श्रीकरतारपुर साहिब कॉरिडोर?
श्रीकरतारपुर साहिब कॉरिडोर के भारतीय हिस्से में डेरा बाबा नानक से इंटनेशनल बॉर्डर तक 4.1 किलोमीटर लंबा, चार लेन वाला हाइवे है. यहीं बॉर्डर पर एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवन (पीटीबी) भी बना हुआ है. बता दें कि डेरा बाबा नानक भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित एक शहर है. गुरु नानक देव के अनुयायियों ने इस शहर का निर्माण किया था. फिर अपने महान आध्यात्मिक नेता के नाम पर इसका नाम डेरा बाबा नानक रखा.